डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण से कुछ दिन पहले ही हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी कंपनी बंद करने का ऐलान किया. इस फैसले ने हर किसी को चौंका दिया है. अदाणी ग्रुप और भारत के प्रधानमंत्री मोदी पर झूठे आरोप लगाने वाली इस फर्म के अचानक बंद होने को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. हिंडनबर्ग रिसर्च के बंद होने के फैसले पर एडवोकेट जय अनंत देहद्राई ने अपनी राय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर साझा की. एडवोकेट जय अनंत देहद्राई ने इसे एक सुनियोजित साजिश बताया है.
"हमला केवल मुनाफे के लिए नहीं, बल्कि..."
उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि यह हमला केवल मुनाफे के लिए नहीं, बल्कि भारत को अस्थिर करने का एक प्रयास था. उन्होंने इस साजिश में शामिल भारतीय चेहरों की पहचान और जांच की मांग की.
"PM मोदी और SEBI पर हमले एक सुनियोजित साजिश": देहद्राई
जय अनंत देहद्राई ने लिखा, ट्रंप के शपथ ग्रहण से कुछ दिन पहले हिंडनबर्ग का बंद होना यह संकेत देता है कि अदाणी ग्रुप, प्रधानमंत्री मोदी और भारतीय बाजार नियामक SEBI पर हमले केवल मुनाफे के लिए नहीं थे. यह एक सुनियोजित साजिश थी, जिसका उद्देश्य भारत में अस्थिरता फैलाना था.
भारत के खिलाफ साजिश का मास्टरमाइंड कौन ?
देहद्राई ने सवाल उठाते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि उन भारतीय चेहरों की पहचान की जाए जिन्होंने इस साजिश में भूमिका निभाई. उन्होंने विशेष रूप से एक पूर्व सांसद की जांच की मांग की.उनका कहना है कि प्रधानमंत्री के खिलाफ इन हमलों में शामिल लोगों की गहन जांच होनी चाहिए. देहद्राई ने दावा किया कि इन व्यक्तियों के पैसे के स्रोतों की जांच की जानी चाहिए, जो दुनिया के खतरनाक आपराधिक नेटवर्क से जुड़े हो सकते हैं.
जय अनंत देहद्राई ने जोर दिया कि इस मामले की गहराई से जांच होनी चाहिए ताकि साजिश के पीछे की सच्चाई सामने आ सके.
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