सितंबर में GST कलेक्शन सालाना 6.5% बढ़ा, त्योहारों में टैक्स कलेक्शन बेहतर होने की उम्मीद

GST collection in September 2024: एक्सपर्ट्स का कहना है कि सितंबर में टैक्स कलेक्शन मासिक आधार पर सुस्त पड़ने के बावजूद आने वाले महीनों में त्योहारों के दौरान टैक्स कलेक्शन बेहतर हो सकता है.

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नई दिल्ली:

देश में सितंबर महीने में माल एवं सेवा कर (Goods and Services Tax) यानी जीएसटी ग्रॉस कलेक्शन सालाना आधार पर 6.5 प्रतिशत बढ़कर करीब 1.73 लाख करोड़ रुपये रहा. सरकार की तरफ से मंगलवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई. पिछले साल सितंबर में जीएसटी रेवेन्यू (GST Revenue) 1.63 लाख करोड़ रुपये था. हालांकि, मासिक आधार पर जीएसटी कलेक्शन (GST Collection) में कमी आई है. अगस्त, 2024 में कुल कलेक्शन 1.75 लाख करोड़ रुपये रहा था.

आयकर विभाग ने 20,458 करोड़ रुपये के रिफंड जारी किए

पिछले महीने घरेलू लेनदेन से  ग्रॉस जीएसटी 5.9 प्रतिशत बढ़कर लगभग 1.27 लाख करोड़ रुपये हो गया. इसके अलावा वस्तुओं के आयात से प्राप्त रेवेन्यू आठ प्रतिशत बढ़कर 45,390 करोड़ रुपये हो गया. समीक्षाधीन अवधि में जीएसटी विभाग ने 20,458 करोड़ रुपये के रिफंड (Tax Rfund) जारी किए जो एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में 31 प्रतिशत अधिक है. 

चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में जीएसटी कलेक्शन 9.5% बढ़ा

रिफंड राशि को समायोजित करने के बाद सितंबर में शुद्ध जीएसटी रेवेन्यू 1.53 लाख करोड़ रुपये रहा. यह एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 3.9 प्रतिशत अधिक है. इसके साथ ही चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर अवधि) में जीएसटी कलेक्शन 9.5 प्रतिशत बढ़कर 10.87 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया. 

त्योहारों के दौरान टैक्स कलेक्शन हो सकता है बेहतर: एक्सपर्ट्स

एक्सपर्ट्स का कहना है कि सितंबर में टैक्स कलेक्शन मासिक आधार पर सुस्त पड़ने के बावजूद आने वाले महीनों में त्योहारों के दौरान टैक्स कलेक्शन बेहतर हो सकता है. पीडब्ल्यूसी इंडिया में साझेदार प्रतीक जैन ने कहा कि दरों को युक्तिसंगत बनाने की कवायद को देखते हुए जीएसटी परिषद को इस पर बारीकी से गौर करने की जरूरत हो सकती है. हालांकि, त्योहारी मौसम आने से अगले कुछ महीनों में संग्रह बेहतर हो सकता है.

डेलॉयट इंडिया में साझेदार एम एस मणि ने कहा कि आने वाले महीनों के लिए जीएसटी राजस्व पर उत्सुकता से नजर रखी जाएगी क्योंकि वे आर्थिक वृद्धि के भी संकेतक हैं और उन्हें जीडीपी आंकड़ों से जोड़कर देखा जा सकता है.

सलाहकार फर्म टैक्स कनेक्ट एडवाइजरी सर्विसेज में साझेदार विवेक जालान ने उम्मीद जताई कि मौजूदा स्थिति में जीएसटी परिषद की अगली बैठक में राजस्व वृद्धि पर कुछ दूरदर्शी उपाय देखने को मिलेंगे.

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