जीएसटी काउंसिल ने टैक्स स्ट्रक्चर को बदलते हुए कई प्रोडक्ट्स और सर्विसेज को 40% स्लैब में डाल दिया है. इस फैसले का सीधा असर सिर्फ ग्राहकों पर ही नहीं पड़ेगा, बल्कि शेयर मार्केट में भी देखने को मिलेगा. जिन कंपनियों का बिजनेस तंबाकू, कोल्डड्रिंक, एनर्जी ड्रिंक, जंक फूड, लग्जरी गाड़ियां, प्रीमियम बाइक और ऑनलाइन गेमिंग से जुड़ा है, उनके शेयर पर शॉर्ट-टर्म में दबाव आ सकता है.
तंबाकू कंपनियों के शेयर पर असर
ITC, Godfrey Phillips और VST Industries जैसी कंपनियां तंबाकू और सिगरेट प्रोडक्ट्स बेचती हैं. इन प्रोडक्ट्स पर अब 40% GST और साथ ही सेस लगाया गया है. इसका मतलब यह हुआ कि कंपनियों को या तो दाम बढ़ाने होंगे या फिर मार्जिन पर बोझ लेना पड़ेगा. दोनों ही हालात में वॉल्यूम यानी बिक्री पर असर पड़ सकता है. यही वजह है कि इन कंपनियों के शेयर पर शॉर्ट-टर्म में दबाव देखने को मिल सकता है.
लग्जरी कार और प्रीमियम बाइक कंपनियां
लग्जरी SUV और बड़ी इंजन वाली गाड़ियों को भी अब 40% GST स्लैब में डाल दिया गया है. इसमें Mercedes, BMW, Toyota और Tata Motors जैसी कंपनियां शामिल हैं. इन गाड़ियों पर पहले से 22% सेस भी लगता है. यानी कुल टैक्स का बोझ और बढ़ जाएगा. इससे प्रीमियम सेगमेंट की बिक्री पर दबाव दिख सकता है.
इसी तरह Eicher Motors की Royal Enfield जैसी 350cc से ज्यादा इंजन वाली बाइक्स पर भी टैक्स अब 40% हो गया है. इसका असर डिमांड पर पड़ना तय है.
कोल्डड्रिंक और एनर्जी ड्रिंक कंपनियां
जीएसटी पर नए फैसले से PepsiCo (Varun Beverages) और Coca-Cola की फ्रेंचाइजी कंपनियों को भी झटका लगेगा. कार्बोनेटेड ड्रिंक्स, शुगर ड्रिंक्स और कैफिनेटेड एनर्जी ड्रिंक पर टैक्स 28% से बढ़ाकर 40% कर दिया गया है. इसका सीधा असर इनकी डिमांड और मार्जिन पर पड़ेगा.
फूड और स्नैक्स कंपनियां
Nestle, Mondelez और HUL जैसी बड़ी FMCG कंपनियों पर भी दबाव रह सकता है. वजह यह है कि हाई शुगर, हाई सॉल्ट और प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स को भी 40% टैक्स स्लैब में डाल दिया गया है. इससे ये प्रोडक्ट्स महंगे होंगे और वॉल्यूम यानी बिक्री में गिरावट आ सकती है.
ऑनलाइन गेमिंग और कैसिनो कंपनियों पर सीधा असर
ऑनलाइन गेमिंग और कैसिनो सेक्टर की कंपनियों जैसे Nazara Tech, Delta Corp पर भी सीधा असर होगा. अब इस सेक्टर पर भी 40% टैक्स लगाया गया है. इससे इनका बिजनेस मॉडल और रेवेन्यू दोनों दबाव में आ सकते हैं.
निवेशकों को क्या करना चाहिए?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक्सपर्ट्स का मानना है कि शॉर्ट-टर्म में इन सेक्टर्स के शेयर पर सेलिंग प्रेशर दिख सकता है. हालांकि लॉन्ग-टर्म में तस्वीर इस बात पर निर्भर करेगी कि कंपनियां टैक्स बोझ को ग्राहकों पर डाल पाती हैं या फिर खुद अपने मार्जिन से झेलती हैं.
फिलहाल, अगर आपके पोर्टफोलियो में ये शेयर हैं तो इन्हें वॉचलिस्ट में डालना और सावधानी बरतना बेहतर होगा. नया 40% GST स्लैब कई कंपनियों के लिए सीधा रेवेन्यू हिट है और मार्केट में वोलैटिलिटी बनी रह सकती है.यह नया टैक्स स्ट्रैक्चर 22 सितंबर 2025 से लागू होगा. उसके बाद इन शेयरों में उतार-चढ़ाव और ज्यादा बढ़ सकता है.
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नोट : (ये सिर्फ एक सामान्य जानकारी है. किसी भी तरह के निवेश से पहले एक्सपर्ट्स की सलाह जरूर लें.)