RBI MPC Meet: 5 साल बाद RBI ने घटाया ब्याज दर, 25 बेसिस पॉइंट की कटौती का ऐलान, लोन होंगे सस्ते

RBI Monetary Policy 2025: RBI की मौद्रिक नीति समिति ( MPC) ने रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट (bps) की कटौती कर इसे 6.25% कर दिया. इससे पहले, RBI ने लगातार 11 बैठकों में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था.

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RBI MPC cut Repo Rates: RBI ने FY26 के लिए भारत की आर्थिक विकास दर का अनुमान 6.6% से बढ़ाकर 6.7% कर दिया गया है.  

नई दिल्ली:

RBI की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (Monetary Policy Committee - MPC) ने रेपो रेट (Rate Cut) में  25 बेसिस पॉइंट (bps) की कटौती की है. बता दें कि RBI ने 5 साल बाद कटौती का ऐलान किया है. जिसके बाद रेपो रेट 25 बेसिस प्वाइंट घटकर 6.25% हो गया. RBI के इस फैसले से आम जनता और बिजनेस सेक्टर को राहत मिलने की उम्मीद है. 

RBI की मौद्रिक नीति समिति ( MPC) ने रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट (bps) की कटौती कर इसे 6.25% कर दिया. इससे पहले, RBI ने लगातार 11 बैठकों में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था. इससे पहले मई 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान रेपो रेट घटाया गया था.  

अब EMI पर क्या असर पड़ेगा?  

आरबीआई के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा (RBI Governor Sanjay Malhotra) की अध्यक्षता में हुई मौद्रिक नीति बैठक (Monetary Policy Meet) में यह फैसला लिया गया. ब्याज दरें घटने से होम लोन, कार लोन और बिजनेस लोन सस्ते हो जाएंगे.  

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रेपो रेट वह दर होती है जिस पर बैंक RBI से कर्ज लेते हैं. अगर रेपो रेट घटता है, तो बैंक भी ग्राहकों को सस्ती ब्याज दरों पर लोन दे सकते हैं. इससे होम लोन, कार लोन और बिजनेस लोन की EMI कम होने की संभावना है. हालांकि, बैंकों पर निर्भर करता है कि वे कब और कितना फायदा ग्राहकों तक पहुंचाएंगे.  

क्यों घटाई गई ब्याज दर?  

RBI ने यह फैसला इसलिए लिया क्योंकि महंगाई कम हो रही है और अगले साल और घटने की संभावना है. रूरल डिमांड (ग्रामीण मांग) बढ़ रही है, जिससे इकोनॉमी को सपोर्ट मिलेगा. अर्बन डिमांड (शहरी मांग) अभी थोड़ी सुस्त बनी हुई है, लेकिन सुधार की उम्मीद है.  

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इस फैसले से आपको क्या फायदा होगा?  

  • होम लोन और कार लोन हो सकते हैं सस्ते : बैंक अब ब्याज दरों में कटौती कर सकते हैं, जिससे ईएमआई कम हो सकती है.  
  • बिजनेस लोन पर भी पड़ेगा असर:  कंपनियों को लोन सस्ता मिलेगा, जिससे व्यापार को बढ़ावा मिलेगा.  
  • इकोनॉमी को बूस्ट मिलेगा:  कम ब्याज दर से लोग ज्यादा खर्च करेंगे, जिससे बाजार और कारोबार को फायदा होगा.  

FY26 के लिए आर्थिक विकास दर का अनुमान बढ़ाया

RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा (Sanjay Malhotra) ने कहा कि मुद्रास्फीति (Inflation) घटी है और आगे भी गिरावट जारी रहने की उम्मीद है. वहीं, RBI ने FY26 के लिए भारत की आर्थिक विकास दर का अनुमान 6.6% से बढ़ाकर 6.7% कर दिया गया है.  

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वहीं, वित्त वर्ष 26 में जीडीपी विकास दर 6.7 प्रतिशत रह सकती है. अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी विकास दर 6.7 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 7 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 6.5 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 6.5 प्रतिशत रह सकती है.

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वित्त वर्ष 2025-26 में महंगाई दर 4.2% रहने का अनुमान

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आने वाले वित्त वर्ष 2025-26 में महंगाई दर 4.2% रहने का अनुमान लगाया है. आरबीआई ने FY26 के लिए महंगाई दर के इस अनुमान को चार तिमाहियों में बांटा है.अप्रैल-जून में महंगाई दर 4.5% रहने का अनुमान है, जुलाई-सितंबर में यह 4% तक कम हो सकती है और अक्टूबर-दिसंबर में और कम होकर 3.8% रहने की उम्मीद है. 

RBI ने कहा कि वह "तटस्थ नीति" (Neutral Stance) अपनाएगा, यानी जरूरत के हिसाब से आगे भी नीतियों में बदलाव हो सकता है. 

"साइबर फ्रॉड गंभीर चिंता का विषय, तुरंत एक्शन लेने की जरूरत"

RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि फाइनेंशियल सर्विसेज के डिजिटलीकरण के साथ साइबर रिस्क भी बढ़ रहा है, जो एक गंभीर चिंता का विषय है और सभी स्टेकहोल्डर्स को इस पर तुरंत कार्रवाई करनी होगी. बैंकों को साइबर फ्रॉड से निपटने के लिए बेहतर रिएक्शन और रिकवरी सिस्टम विकसित करना होगा. इसके अलावा, मार्केट में ट्रेडिंग और सेटलमेंट टाइमिंग की समीक्षा के लिए एक वर्किंग ग्रुप का गठन किया जाएगा. साइबर सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए भारतीय बैंकों के लिए एक एक्सक्लूसिव bank.in डोमेन लाया जाएगा, जिसका रजिस्ट्रेशन इस साल अप्रैल से शुरू होगा और इससे ऑनलाइन धोखाधड़ी को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी.

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