भारत के डायमंड सेक्टर को मिलेगी नई रफ्तार, सरकार ने लॉन्च की ‘डायमंड इम्प्रेस्ट ऑथराइजेशन’ स्कीम

गौरतलब है कि हाल के वर्षों में डायमंड इंडस्ट्री भारी गिरावट का सामना कर रही है. निर्यात में कमी और उत्पादन ठप पड़ने से नौकरियों में भी गिरावट आई है. इस नई स्कीम से डायमंड इंडस्ट्री को फिर से पटरी पर लाने और नई नौकरियों के अवसर पैदा होने की उम्मीद जताई जा रही है.

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Diamond Imprest Authorization Scheme के लागू होने के बाद भारतीय डायमंड इंडस्ट्री को वैश्विक लीडर बनाने की दिशा में मजबूती मिलेगी.
नई दिल्ली:

भारत सरकार ने डायमंड सेक्टर की वैश्विक प्रतिस्पर्धा बढ़ाने और निर्यात को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ‘डायमंड इम्प्रेस्ट ऑथराइजेशन , डीएआई (DAI) स्कीम' की घोषणा की है. यह स्कीम 1 अप्रैल से लागू होगी और इसके तहत डायमंड इंडस्ट्री को कई रियायतें और सुविधाएं दी जाएंगी. माना जा रहा है कि डायमंड इम्प्रेस्ट ऑथराइजेशन स्कीम के लागू होने के बाद भारतीय डायमंड सेक्टर को नए मौके मिलेंगे, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और देश को हीरा उद्योग में वैश्विक लीडर बनाने की दिशा में मजबूती मिलेगी.

डायमंड सेक्टर को मिलेगी मजबूती  

वाणिज्य विभाग के मुताबिक, इस योजना के तहत प्राकृतिक रूप से कटे और पॉलिश किए गए हीरों के शुल्क-मुक्त आयात की सुविधा मिलेगी, जिससे मूल्य संवर्धन (वैल्यू एडिशन) और निर्यात को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी.  

DAI स्कीम के तहत एक-चौथाई कैरेट या 0.25 कैरेट (25 सेंट) से कम आकार के प्राकृतिक कटे और पॉलिश किए गए हीरों का शुल्क-मुक्त आयात किया जा सकेगा. इसके अलावा, कंपनियों को अपने निर्यात में 10 प्रतिशत का वैल्यू एडिशन करना अनिवार्य होगा, जिससे सेक्टर को वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा में बने रहने में सहायता मिलेगी.  

कौन उठा सकता है लाभ?  

सरकार ने स्पष्ट किया है कि 'टू स्टार एक्सपोर्ट हाउस' या उससे ऊपर का दर्जा रखने वाले और प्रति वर्ष 15 मिलियन डॉलर का निर्यात करने वाले हीरा निर्यातक इस योजना का लाभ उठा सकेंगे.  

डायमंड इंडस्ट्री को फिर से पटरी पर लाने की उम्मीद  

गौरतलब है कि हाल के वर्षों में डायमंड इंडस्ट्री भारी गिरावट का सामना कर रही है. निर्यात में कमी और उत्पादन ठप पड़ने से नौकरियों में भी गिरावट आई है. इस नई स्कीम से डायमंड इंडस्ट्री को फिर से पटरी पर लाने और नई नौकरियों के अवसर पैदा होने की उम्मीद जताई जा रही है.  सरकार का कहना है कि यह योजना भारत की डायमंड इंडस्ट्री को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाए रखने में मदद करेगी और इस क्षेत्र में निर्यात को बढ़ावा देगी.  

जेम्स एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (GJEPC) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर 2024 में कुल जेम्स और ज्वेलरी निर्यात 1,967.98 मिलियन डॉलर रहा, जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 10.29 प्रतिशत की गिरावट को दर्शाता है.  

निर्यात में गिरावट, उम्मीदें बरकरार  

जेम्स एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (GJEPC) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर 2024 में कुल जेम्स और ज्वेलरी निर्यात 1,967.98 मिलियन डॉलर रहा, जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 10.29 प्रतिशत की गिरावट को दर्शाता है. काउंसिल ने कहना कि आर्थिक अस्थिरता के कारण खरीदारों का झुकाव सुरक्षित एसेट्स होने के कारण सुरक्षित निवेश जैसे गोल्ड  की ओर बढ़ गया है. वहीं, लाइफस्टाइल पर लोग कम खर्च कर रहे हैं.

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