Google ने भारत सहित इन 6 देशों में AI Overview फीचर लाने का किया ऐलान

Google AI Overviews: गूगल ने कहा, "सर्च को बेहतर बनाने और बढ़ाने पर हमारा निरंतर ध्यान हमें वेब पर अधिक योग्य ट्रैफिक भेजने की सहूल‍ियत देता है."

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
Googl AI Overview Feature in India: भारतीय यूजर्स अन्य देशों की तुलना में एआई ओवरव्यू के जवाबों को अधिक बार सुनते हैं.
नई दिल्ली:

टेक सेक्टर की दिग्गज कंपनी गूगल ने गुरुवार को भारत सहित छह देशों में 'एआई ओवरव्यू' (Google AI Overviews) फीचर लाने की घोषणा की.भारत में कंपनी अंग्रेजी और हिंदी में 'एआई ओवरव्यू' शुरू कर रही है और साथ ही देश में पहली बार लोकप्रिय फीचर्स भी पेश कर रही है, जिन्हें सर्च लैब्स प्रयोग के दौरान खूब सराहा गया था.

भारत सहित इन देशों में Google AI Overviews शुरू

कंपनी ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा, "यह आपको लैंग्वेज टॉगल बटन के साथ अंग्रेजी और हिंदी रिज्ल्ट के बीच आसानी से स्विच करने में मदद करेगा, और 'सुनो' बटन पर टैप करके टेक्स्ट-टू-स्पीच के साथ प्रतिक्रियाओं को सुनने में मदद करेगा. इसे भारत, यूनाइटेड किंगडम, जापान, इंडोनेशिया, मैक्सिको और ब्राजील में शुरू क‍िया जा रहा है.

भारतीय यूजर्स को मिलेगा ये फायदा

सर्च के प्रोडक्ट मैनेजमेंट की वरिष्ठ निदेशक हेमा बुदराजू ने कहा कि टेस्टिंग के दौरान हमने देखा कि भारतीय यूजर्स अन्य देशों की तुलना में एआई ओवरव्यू के जवाबों को अधिक बार सुनते हैं. बुदराजू ने कहा, "हम सर्च करते समय प्रासंगिक वेबसाइटों की जांच करने के लिए और अधिक तरीके पेश कर रहे हैं. डेस्कटॉप पर AI Overview के लिए दाहिने हाथ के लिंक डिस्प्ले के साथ - ऊपरी दाईं ओर साइट आइकन पर टैप करके मोबाइल पर भी पहुंचा जा सकता है."

बुदराजू ने कहा कि जैसे-जैसे हम एआई को विकसित करते हैं, हम विभिन्न स्रोतों से लोगों को जानकारी तक पहुंचने में मदद करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं.

गूगल ने कहा, "सर्च को बेहतर बनाने और बढ़ाने पर हमारा निरंतर ध्यान हमें वेब पर अधिक योग्य ट्रैफिक भेजने की सहूल‍ियत देता है."

कंपनी एआई ओवरव्यू के टेक्स्ट के भीतर सीधे प्रासंगिक वेब पेजों के लिंक जोड़ने का भी परीक्षण कर रही है. इससे लोगों के लिए क्लिक करना और उन साइटों पर जाना और भी आसान हो जाता है, जिनमें उनकी रुचि है.
 

Featured Video Of The Day
Pakistan Bangladesh Relations: रिश्ते रिसेट करते समय 1971 तक के घाव याद नहीं आएंगे बांग्लादेश को?