FY25 की दूसरी तिमाही में देश की GDP ग्रोथ की सुस्त रफ्तार ने नई बहस छेड़ दी है, क्या ये वाकई सिर्फ इस बार ही हुआ है या आगे भी ऐसा ही रहने वाला है. 7 तिमाहियों में सबसे कमजोर GDP आंकड़ों पर सरकार की तरफ से सफाई भी आ रही है. डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स सेक्रेटरी अजय सेठ (DEA Secretary Ajay Seth) का कहना है कि ये आंकड़े चिंताजनक नहीं (not alarming) हैं.
'दूसरी छमाही में ग्रोथ में दिखेगा सुधार'
अजय सेठ का कहना है कि जुलाई-सितंबर में कमजोर GDP आंकड़ों के बावजूद उन्हें भरोसा है कि वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में इसमें सुधार देखने को मिलेगा. आने वाले महीनों में आर्थिक विकास को बढ़ाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं.
अजय सेठ के मुताबिक 'ये सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं कि दूसरी छमाही में GDP की ग्रोथ ऊंची रहे. कई हाई फ्रीक्वेंसी इंडिकेटर्स पहले से ही उस दिशा में इशारा कर रहे हैं. पिछले रुझानों से पता चला है कि पूरा डेटा उपलब्ध होने पर अनुमान अक्सर ऊपर की ओर संशोधित हो जाते हैं.'
रफ्तार धीमी होने के बावजूद अजय सेठ की उम्मीद बरकरार है. उन्होंने कहा, 'आने वाली तिमाहियों में ग्रोथ रेट बहुत तेज होने की उम्मीद है' उन्होंने अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने और वित्तीय वर्ष की दूसरी छमाही में गति बनाए रखने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता का जिक्र किया.
GDP ग्रोथ 5.4% रही
NSO (राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय) के आंकड़ों के मुताबिक, दूसरी तिमाही में GDP ग्रोथ 5.4% रही, जो अप्रैल-जून अवधि में 6.7% थी. ये ग्रोथ इकोनॉमिस्ट्स के 6.5% के अनुमान और RBI के 7% के अनुमान से भी कम थी. GAV (Gross Value Added), जिसमें इनडायरेक्ट टैक्स और सब्सिडी शामिल नहीं है, पिछली तिमाही के 6.8% की तुलना में 5.6% की ग्रोथ दर्ज हुई.
दूसरी तरफ, इकोनॉमी में स्लोडाउन की आशंका से रुपया और कमजोर हो गया है. डॉलर के मुकाबले रुपया सोमवार को 84.6075 के रिकॉर्ड लो तक फिसल गया.