भारत का आर्थिक परिदृश्य मज़बूत, तेज़ी से बढ़ रही अर्थव्यवस्था : विश्लेषक

बाज़ार विश्लेषकों का कहना है कि भारत के सरकारी बॉन्ड को वैश्विक सूचकांकों में शामिल किए जाने के कारण अगले तीन वर्ष में करीब 100 अरब अमेरिकी डॉलर (लगभग ₹8,35,167 करोड़) का पूंजीगत निवेश आएगा.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
दिग्गज ब्रोकरेज फर्मों और बाज़ार विश्लेषकों के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था काफी मज़बूत है, और देश की विकास दर, चालू खाते की स्थिति और महंगाई के आंकड़े उत्साह पैदा करने वाले हैं...
नई दिल्ली:

देश की दिग्गज ब्रोकरेज फर्मों और बाज़ार विश्लेषकों ने गुरुवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था काफी मज़बूत है. देश की विकास दर, चालू खाते की स्थिति और महंगाई के आंकड़े सभी उत्साह पैदा करने वाले हैं. जानकारों ने कहा कि भारत के साथ कई सारे सकारात्मक फैक्टर हैं. पिछला डेटा इशारा करता है कि चुनाव के 6 से 12 महीने के बीच बाज़ार अच्छा प्रदर्शन करता है.

यस सिक्योरिटीज़ की ओर से कहा गया कि भारतीय कंपनियों की बैलेंस शीट, बैंकिंग सेक्टर और प्रॉपर्टी मार्केट में बुलबुले जैसी कोई स्थिति नहीं है. सूचीबद्ध कंपनियों में कर्ज़ कम हो गया है. पूंजी पर्याप्त मात्रा में होने के कारण बैंकों की स्थिति मज़बूत है और मज़बूत मांग के चलते रीयल एस्टेट की कीमतें बढ़ रही हैं.

जानकारों का कहना है कि भारतीय घरेलू निवेशकों की ओर से शेयर बाज़ार में लगातार भरोसा जताया जा रहा है. रिटेल निवेशकों द्वारा म्यूचुअल फंड में किया जाने वाला निवेश रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है. साथ ही कहा कि FII अभी तक पैसा निकाल रहे हैं, लेकिन जैसे ही इनकी वापसी होगी, बाज़ार के लिए यह काफी अच्छी स्थिति होगी.

बाज़ार विश्लेषकों का कहना है कि भारत के सरकारी बॉन्ड को वैश्विक सूचकांकों में शामिल किए जाने के कारण अगले तीन वर्ष में करीब 100 अरब अमेरिकी डॉलर (लगभग ₹8,35,167 करोड़) का पूंजीगत निवेश आएगा.

वैश्विक ब्रोकरेज फर्म नोमुरा ने कहा कि भारत में सुधार आमतौर पर राजनीति की कसौटी पर खरे उतरे हैं और हम उम्मीद करते हैं कि सरकार शासन और प्रशासनिक सुधारों की गति जारी रखेगी.

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने एक दिन में सबसे ज़्यादा लेनदेन करने का रिकॉर्ड बनाया है. NSE CEO आशीष चौहान ने कहा कि बुधवार को ट्रेडिंग के घंटों के दौरान एक्सचेंज पर रिकॉर्ड 19.71 अरब ऑर्डर और 28.05 करोड़ ट्रेड हुए थे.

एनैलिस्ट की ओर से कहा गया कि US फेड की ओर से ब्याज दर कम किए जाने की संभावना के कारण वैश्विक बाज़ार मज़बूत है. इसके कारण भारतीय बाज़ार भी सामान्य हो गए हैं. मौजूदा समय में हमें राजनीतिक स्थिरता दिख रही है, लेकिन राजनीतिक हलचल का बाज़ारों पर असर दिख सकता है.

Featured Video Of The Day
Delhi Dwarka Fire: आग से बचने के लिए 7वीं मंजिल से परिवार ने लगाई छलांग, मौत | News Headquarter
Topics mentioned in this article