भारतीय अर्थव्यवस्था में वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही में वृद्धि के मजबूत संकेत मिले हैं. इसकी वजह अच्छे मानसून के कारण ग्रामीण अर्थव्यवस्था में रिकवरी होना है. यह जानकारी बुधवार को एक रिपोर्ट में दी गई. पिछले वर्ष के मानसून सीजन में लंबी अवधि के औसत से 8 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है.
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज (एमओएलएल) की रिपोर्ट में बताया गया कि हाल में हुए राज्य स्तर के चुनावों और उपचुनावों में जीत के कारण एनडीए के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार को मजबूती मिली है. इस कारण सरकार का फोकस फिर से विकास से जुड़ी पहलों को आगे बढ़ाने पर है और इससे आने वाले समय में पूंजीगत व्यय में वृद्धि होगी.
बीएफएसआई सेक्टर की आय 8% बढ़ने की उम्मीद
वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही में बीएफएसआई सेक्टर की आय 8 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है. इस दौरान कैपिटल सेक्टर की आय सालाना आधार पर 26 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है. रिपोर्ट में कहा गया कि वित्त वर्ष 25 एक चुनावी वर्ष था. ऑर्डर इनफ्लो इस दौरान कमजोर रहा था, लेकिन वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही में ऑर्डर बढ़ने की उम्मीद है.
थर्मल पावर, रिन्यूएबल एनर्जी, टीएंडडी, डेटा सेंटर, बिल्डिंग और कारखानों में ऑर्डरिंग गतिविधि मजबूत रही है, हालांकि, पानी और रेलवे में यह कमजोर रही है.
बजट और RBI मौद्रिक नीति दोनों पर नजर रखने की जरूरत
इसके अलावा बाजारों को केंद्रीय बजट और आरबीआई मौद्रिक नीति दोनों पर नजर रखने की जरूरत है.रिपोर्ट में बताया गया कि इस बार का केंद्रीय बजट काफी महत्वपूर्ण होगा, जो सरकारी पूंजीगत व्यय में संभावित पुनरुद्धार और खपत को बढ़ावा देने के उपायों के बारे में संकेत प्रदान करेगा. इसी तरह फरवरी में आरबीआई मौद्रिक नीति भी ब्याज दर के रुझान को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण होगी.
रिपोर्ट के अनुसार, कुल मिलाकर देखा जाए तो भारत में मध्यम अवधि के अवसर बरकरार हैं.