- एलन मस्क ने निखिल कामत के पॉडकास्ट में बताया कि उन्होंने ट्रंप को टैरिफ लगाने से रोकने की कई बार कोशिश की थी
- एलन मस्क का मानना है कि टैरिफ बाजार को प्रभावित करते हैं और व्यापार को कम प्रभावी बनाते हैं
- मस्क ने एच-1बी वीजा प्रोग्राम बंद करने को गैर-जरूरी बताया और भारतीय टैलेंट की सराहना की
भारतीय एंटरप्रेन्योर निखिल कामत के पॉडकास्ट डब्ल्यूटीएफ इज (WTF IS) में एलन मस्क ने टैरिफ और H1B वीजा पर भारत के समर्थन में ऐसी बातें कह दी, जो अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को चुभ सकती हैं. दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क ने कहा कि उन्होंने टैरिफ पर ट्रंप को समझाने की कोशिश की थी, लेकिन वो कामयाब नहीं हो पाए. वहीं, मस्क ने एच-1बी प्रोग्राम बंद करने के ट्रंप के प्लान को भी गैर-जरूरी बताया. ब्रोकिंग फर्म जीरोधा (Zerodha) के को-फाउंडर निखिल कामथ के पॉडकास्ट डब्ल्यूटीएफ इज (WTF IS) में टेस्ला(Tesla), स्पेसएक्स (SpaceX), एक्स (X) जैसी कंपनियों के प्रमुख एलन मस्क ने और भी कई मसलों पर बात की.
'टैरिफ पर ट्रंप को समझाने की कोशिश की'
मस्क ने बताया कि उन्होंने कई बार पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) को टैरिफ लगाने से रोकने की कोशिश की, लेकिन वे अपनी कोशिश में सफल नहीं हो पाए. मस्क ने कामत के पॉडकास्ट में कहा कि उन्होंने ट्रंप को ये समझाने की कोशिश की थी कि टैरिफ किसी भी अर्थव्यवस्था के लिए लंबे समय में नुकसानदायक होते हैं. उन्होंने स्पष्ट कहा कि ट्रंप को टैरिफ पसंद हैं और वे इस मामले में अपने फैसले से पीछे हटने वाले नहीं थे.
मस्क के मुताबिक टैरिफ, मार्केट को डिस्टर्ब करते हैं और ट्रेड को कम एफिशिएंट बनाते हैं. उन्होंने इसके पीछे एक दिलचस्प उदाहरण दिया, बोले- अगर शहरों या राज्यों के बीच भी टैरिफ लगा दिए जाएं तो कोई भी इकोनॉमी रुक जाएगी. देशों के बीच ट्रेड पर भी वो यही तर्क लागू करते हैं.
'H-1B वीजा प्रोग्राम बंद करना गैर-जरूरी'
एलन मस्क ने एच-1बी प्रोग्राम बंद करने को भी गैर-जरूरी बताते हुए कहा, ‘मैं बिल्कुल भी उस सोच से सहमत नहीं हूं कि इसे बंद कर देना चाहिए. ऐसा करना बहुत बुरा होगा.' बता दें कि एच-1बी वीजा दशकों से भारत, चीन और अन्य देशों के युवा प्रोफेशनल्स के लिए अमेरिका में मोटी सैलरी वाली नौकरी और स्थाई निवास पाने का एक रास्ता रहा है. भारत इस प्रोग्राम का सबसे बड़ा लाभार्थी है.
मस्क की ये टिप्पणियां ऐसे समय आई हैं जब अमेरिका में वीजा नीति को लेकर अनिश्चितता बढ़ी है. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में नए एच-1बी एप्लिकेशन शुल्क बढ़ाकर 1,00,000 डॉलर ( यानी करीब 89 लाख रुपये) करने का ऐलान किया है. हालांकि बाद में ट्रंप ने कहा कि अमेरिका, हाई स्किल्ड यानी उच्च कौशल वाले लोगों का स्वागत करता है. ट्रंप ने ये भी माना है कि अमेरिका में कुछ खास तरह की प्रतिभा की कमी है, जिसे दुनिया भर से लाना जरूरी है.













