हर दीपावली (Diwali 2024) पर शाम को शेयर बाजार में एक विशेष कारोबारी सत्र आयोजित किया जाता है, जिसे मुहूर्त ट्रेडिंग (Muhurt Trading) कहा जाता है. दीपावली के समय नए संवत की शुरुआत होती है. इस दौरान पूजन के समय निवेश करना काफी अच्छा माना जाता है और लोगों की इन भावनाओं को देखते हुए दीपावली के दिन शेयर बाजार में निवेश के लिए एक घंटे की स्पेशल विंडो दी जाती है. इस दौरान निवेशक अपने डीमैट खाते के जरिए आसानी से शेयरों में निवेश कर सकते हैं.
शाम 6 से 7 बजे तक कर पाएंगे निवेश
इस साल बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की ओर से मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन (Muhurat trading session) एक नवंबर को रखा गया है और शाम 6 से 7 बजे तक लोग शेयर बाजार में निवेश कर पाएंगे. हालांकि, दिन के दौरान बाजार में कारोबार बंद हुआ है.
मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन के दौरान बाजार के सभी सेगमेंट में सामान्य कारोबार होता है और इक्विटी के साथ डेरिवेटिव में भी ट्रेड कर सकते हैं.
कब हुई मुहूर्त ट्रेडिंग की शुरुआत?
मुहूर्त ट्रेडिंग की शुरुआत पहली बार बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर वर्ष 1957 में हुई थी. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर मुहूर्त ट्रेडिंग वर्ष 1992 से शुरू हुई थी. इलेक्ट्रॉनिक डीमैट अकाउंट आने से पहले ट्रेडर्स एक्सचेंजों पर आकर मुहूर्त ट्रेडिंग में हिस्सा लेते थे.
2018 से मुहूर्त ट्रेडिंग के दिन लगातार शानदार रिटर्न
बीते 11 वर्षों के मुहूर्त ट्रेडिंग के इतिहास को उठाकर देखें तो 11 में से 9 सत्रों में शेयर बाजार ने सकारात्मक प्रदर्शन किया है. 2018 से बाजार ने मुहूर्त ट्रेडिंग के दिन लगातार सकारात्मक रिटर्न दिया है. केवल 2016 और 2017 में नकारात्मक रिटर्न दिया था.
2023 के मुहूर्त ट्रेडिंग सत्र में सेंसेक्स 355 अंक या 0.55 प्रतिशत बढ़कर 65,259 और निफ्टी 50 इंडेक्स 100 अंक या 0.52 प्रतिशत बढ़कर 19,525 पर बंद हुआ था. इस दौरान मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों ने लार्जकैप से बेहतर प्रदर्शन किया, जिसमें बीएसई मिडकैप इंडेक्स 0.67 प्रतिशत और बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स 1.14 प्रतिशत का रिटर्न दिया था.