दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin रिकॉर्ड हाई पर, जानें इससे जुड़ी रहस्यमय बातें

ऑस्ट्रेलियाई एंटरप्रेन्योर और कंप्यूटर टेकनीशियन क्रेग राइट ने 2016 से बिटकॉइन का व्हाइटपेपर लिखने का दावा किया है. इस बात का स्पष्टीकरण करने के लिए लंदन में एक ट्रायल चल रहा है कि क्या वह सच कह रहा है.

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Cryptocurrency: बिटकॉइन को लेकर सबसे रहस्यमय बात ये है कि 15 से अधिक समय होने के बाद भी कोई  इसके फाउंडर नाम नहीं बता सका.
नई दिल्ली:

हाल ही में बिटकॉइन बिटकॉइन (Bitcoin) की कीमत 69,000 डॉलर के रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गई. इसकी वजह ये है कि अमेरिकी सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने बिटकॉइन ईटीएफ को मंजूरी दी .इसके बाद बिटकॉइन में निवेश करने के लिए लोगों का भरोसा बढ़ा है.AFP की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को लेकर कई रहस्य हैं और ये काफी विवादों में भी रही है. यहां हम आपको इस बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं.

बिटकॉइन की शुरुआत किसने की?

बिटकॉइन को लेकर सबसे रहस्यमय बात ये है कि 15 से अधिक समय होने के बाद भी कोई  इसके फाउंडर नाम नहीं बता सका. इस क्रिप्टोकरेंसी का व्हाइटपेपर 31 अक्टूबर 2008 को पेश हुआ था, जिसे सातोशी नाकामोटो द्वारा जारी किया गया था. कहा जाता है कि सातोशी नाकामोटो ने ही इस वर्चुअल मनी की नींव रखी थी. इसका सिद्धांत यह है कि "इलेक्ट्रॉनिक कैश का एक प्योर पीयर-टू-पीयर वर्जन (जो) किसी वित्तीय संस्थान से गुजरे बिना ऑनलाइन पेमेंट को एक पार्टी से दूसरी पार्टी में सीधे भेजने की अनुमति देगा." और यह केंद्रीय बैंकों के नियंत्रण से मुक्त होगा, जो परंपरागत रूप से एकमात्र संस्था है जो पैसा बना सकती है.

लेकिन क्या सातोशी एक शख्स का रियल नाम  है या लोगों की एक टीम है? पिछले कुछ वर्षों में इसको लेकर कई दावे सामने आए हैं लेकिन रहस्य अभी भी बना हुआ है.

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डार्क वेब पर पसंदीदा करेंसी होने का आरोप

ऑस्ट्रेलियाई एंटरप्रेन्योर और कंप्यूटर टेकनीशियन क्रेग राइट ने 2016 से व्हाइटपेपर लिखने का दावा किया है. इस बात का स्पष्टीकरण करने के लिए लंदन में एक ट्रायल चल रहा है कि क्या वह सच कह रहा है. इसके जारी होने के बाद से बिटकॉइन पर अवैध भुगतान के लिए डार्क वेब पर पसंदीदा करेंसी होने का आरोप लगाया गया है, जो ट्रेस नहीं होता है. यह विशेष रूप से वह करेंसी है जिसे हैकर्स आमतौर पर रैंसमवेयर अटैक के दौरान पेमेंट करने की मांग करते हैं.

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बिटकॉइन में आई बड़ी गिरावट की वजह

हाल के वर्षों में हाई-प्रोफाइल दिवालियापन और कई स्टार एंटरप्रेन्योर के अचानक सामने आने से क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया भी हिल गई है. दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी प्लेटफॉर्म, बिनेंस के प्रमुख रहे  चांगपेंग झाओ ने यूएस में मनी-लॉन्ड्रिंग विरोधी कानूनों का उल्लंघन करने का अपराध स्वीकार कर लिया है. वहीं, उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी एफटीएक्स, 2023 के अंत में दिवालिया हो गए और इसके फाउंडर सैम बैंकमैन फ्राइड को धोखाधड़ी, साजिश और मनी लॉन्ड्रिंग सहित कई मामलों में दोषी पाया गया.

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बिटकॉइन का उचित मूल्य अभी भी शून्य: यूसीबी

यूरोपियन सेंट्रल बैंक (European Central Bank ) के दो विशेषज्ञों ने पिछले महीने एक ब्लॉग में दावा किया था कि "बिटकॉइन एक ग्लोबल सेंट्रेलाइज्ड डिजिटल करेंसी होने के वादे पर विफल रहा है और अभी भी लीगल ट्रांसफर के लिए शायद ही इसका उपयोग किया जाता है. ईटीएफ की नई मंजूरी इस  फैक्ट को नहीं बदल सकती है कि बिटकॉइन पेमेंट के साधन या निवेश के रूप में उपयुक्त नहीं है. बिटकॉइन का उचित मूल्य अभी भी शून्य है."

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बिटकॉइन निवेशक और नियामकों का भरासा जीतने की कोशिश में जुटा

बिटकॉइन ने हाल के वर्षों में कुछ भरोसा हासिल किया है. अमेरिकी वित्तीय नियामकों ने जनवरी की शुरुआत में बिटकॉइन "ईटीएफ" या एक्सचेंज ट्रेडेड फंड को मंजूरी दे दी, जो बिटकॉइन निवेशक को बिना इसे होल्ड किए क्रिप्टोकरेंसी में अप्रत्यक्ष रूप से निवेश करने की अनुमति देता है. यह निर्णय बिटकॉइन की मूल्य वृद्धि का मुख्य कारण था जिसके कारण मंगलवार को बिटकॉइन ने नया रिकॉर्ड बना. 

अल साल्वाडोर बिटकॉइन को लीगल टेंडर देने वाला पहला देश बना

सितंबर 2021 में अल साल्वाडोर बिटकॉइन को लीगल टेंडर के रूप में स्वीकार करने वाला पहला देश बन गया. लेकिन क्रिप्टो मनी ने देश की आबादी पर जीत हासिल नहीं की है. सेंट्रल अमेरिका यूनिवर्सिटी (यूसीए) के एक अध्ययन के अनुसार, 2023 में साल्वाडोर के 88 प्रतिशत लोगों ने कभी इसका इस्तेमाल नहीं किया. कुछ व्यापारियों ने कहा है कि वे इसे भुगतान के साधन के रूप में स्वीकार करेंगे, जिसमें अरबपति एलन मस्क भी शामिल हैं, जिन्होंने 2021 में घोषणा की थी कि बिटकॉइन के जरिये वह टेस्ला कारें बेंचेंगे.हालांकि. अपना मन बदलने से पहले, उन्होंने तर्क दिया कि इसका उत्पादन बहुत अधिक प्रदूषणकारी था और उन्होंने इसे केवल तभी स्वीकार किया जब यह कम प्रदूषणकारी था.

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