रामदेव की मुश्किलें खत्म होने का नाम नही ले रही है. पहले सुप्रीम कोर्ट ने विज्ञापन देकर माफी मांगी मांगने का आदेश दिया. इसके बाद पंतजलि की दिव्य फार्मेसी के 14 प्रोडक्ट्स पर बैन लगा दिया गया है. वहीं, रामदेव की कंपनी के खिलाफ ताजा मामला टैक्स से जुड़ा है. पतंजलि फूड्स को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) आसूचना विभाग ने कारण बताओ नोटिस भेजकर कंपनी से यह बताने को कहा है कि उससे 27.46 करोड़ रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट क्यों नहीं वसूला जाना चाहिए.
कंपनी द्वारा 26 अप्रैल को नियामक में जमा कराए गए विवरण के अनुसार, रामदेव के नेतृत्व वाली पतंजलि आयुर्वेद समूह की कंपनी को जीएसटी आसूचना महानिदेशालय, चंडीगढ़ जोनल यूनिट से नोटिस मिला है. यह कंपनी मुख्य रूप से खाद्य तेल व्यवसाय में है.
विभाग ने एकीकृत माल एवं सेवा कर (आईजीएसटी) अधिनियम, 2017 की धारा 20 के साथ पठित केंद्रीय माल एवं सेवा अधिनियम, 2017 और उत्तराखंड राज्य माल एवं सेवा अधिनियम, 2017 की धारा 74 और अन्य लागू प्रावधानों का हवाला देते हुए नोटिस दिया है.