जीएसटी सुधारों की घोषणा एक बड़ा कदम... पीएम मोदी के बयान का उद्योग जगत ने किया स्‍वागत

उद्योग संघ CII के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव मेमानी ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा कि दिवाली उपहार के रूप में अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों की घोषणा टैक्स एफिशिएंसी, टैक्स कंप्लायंस और प्रक्रियाओं को सरल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐलान किया कि हम नेक्स्ट जनरेशन जीएसटी रिफॉर्म्स लेकर आ रहे हैं.
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  • PM नरेंद्र मोदी ने स्‍वतंत्रता दिवस पर ऐलान किया कि हम नेक्स्ट जनरेशन जीएसटी रिफॉर्म्स लेकर के आ रहे हैं.
  • उद्योग संघ CII ने जीएसटी सुधारों को टैक्स एफिशिएंसी और प्रक्रिया सरल बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया.
  • CII अध्यक्ष राजीव मेमानी ने आम जरूरत की वस्तुओं जैसे साबुन-टूथपेस्ट पर जीएसटी घटाने की मांग पहले भी उठाई थी.
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नई दिल्‍ली :

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 79वें स्‍वतंत्रता दिवस  के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से ऐलान किया कि हम नेक्स्ट जनरेशन जीएसटी रिफॉर्म्स लेकर आ रहे हैं. ये दिवाली में आपके लिए तोहफा बन जाएंगे. आम लोगों की जरूरत के टैक्स भारी मात्रा में काम कर दिए जाएंगे, सुविधा बढ़ेंगी. हमारे एमएसएमई और हमारे लघु उद्यमियों को बड़ा लाभ मिलेगा. रोजमर्रा की चीजें सस्ती हो जाएंगी और उससे इकोनॉमी को भी नया बल मिलेगा. पीएम मोदी के इस बयान का उद्योग जगत ने स्वागत किया है. 

उद्योग संघ CII के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव मेमानी ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा, "दिवाली उपहार के रूप में अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों की घोषणा टैक्स एफिशिएंसी, टैक्स कंप्लायंस और प्रक्रियाओं को सरल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है. यह सुधार न केवल नागरिकों और व्यवसायों पर टैक्स का बोझ कम करेंगे, बल्कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बूस्ट मिलेगा. घरेलू खपत को प्रोत्साहन मिलेगा और अर्थव्यवस्था में अधिक निवेश आएगा". 

आम जरूरत की चीजों पर जीएसटी घटाने की थी मांग

पिछले महीने ही राजीव मेमानी ने CII के अध्यक्ष का कार्यभार संभालने के बाद एनडीटीवी से कहा था, "कुछ जो आम आवश्यकता की चीज हैं, उन पर जीएसटी घटना जरूरी है. जैसे टूथपेस्ट, साबुन, खाने-पीने के कुछ सामान पर GST घटाया जाना चाहिए. सीमेंट एक लग्जरी प्रोडक्ट नहीं है. लो कॉस्‍ट हाउसिंग और कंस्ट्रक्शन को बढ़ावा देने के लिए यह बेहद जरूरी है. हम चाहते हैं कि जीएसटी की स्लैब्स चार से कम की जाएं. साथ ही, GST ऑडिट की व्यवस्था को आसान और सरल बनाना भी जरूरी है. अगर किसी कंपनी के आठ राज्यों में ऑपरेशंस चल रहे हैं तो उनका GST ऑडिट एक ही जगह पर होना चाहिए". 

पीएम मोदी के बयान से उद्योग जगत की उम्‍मीदें बढ़ीं 

अब प्रधानमंत्री के इस ऐलान से उद्योग जगत की उम्मीद बढ़ी है. सीआईआई GST और आर्थिक सुधारों की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने, उद्योग जगत की भागीदारी को और सक्रिय बनाने के लिए सरकार और हितधारकों के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार है, जिससे आर्थिक विकास की गति मजबूत, समावेशी और वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी बनी रहे. 

उद्योग जगत का मानना है कि GST ढांचे की समीक्षा और व्यापक सुधारों पर विचार करने के लिए उच्‍च स्‍तरीय कमेटी के गठन की घोषणा एक महत्वपूर्ण कदम है. 

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर सकारात्मक प्रभाव होगा: बनर्जी

CII के सेक्रेटरी जनरल चंद्रजीत बनर्जी ने एक बयान जारी कर कहा, "इस पहल से ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, वैल्यू चेन्स पर खर्च घटेगा और अर्थव्यवस्था के डिजिटलीकरण की प्रक्रिया में तेजी आने की उम्मीद है. आवश्यक वस्तुओं पर टैक्स की दरें कम करने और  लग्‍जरी और सिन प्रॉडक्‍ट (तम्बाकू, पैन गुटका जैसे प्रोडक्ट्स) पर हाई टैक्स रेट्स को युक्तिसंगत करने पर जोर एक संतुलित दृष्टिकोण को दर्शाता है, जिससे उपभोक्ताओं और राजकोष दोनों को लाभ होगा."

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