अदाणी विल्मर की ओर से सोमवार को अप्रैल-जून तिमाही के नतीजे जारी किए गए. कंपनी को वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में अब तक का सबसे अधिक 313 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है. वहीं, कंपनी की आय सालाना आधार पर 12 प्रतिशत बढ़कर 14,169 करोड़ रुपये हो गई है.अप्रैल से जून के बीच कंपनी ने अब तक का सबसे अधिक 619 करोड़ रुपये का ईबीआईटीडीए दर्ज किया है. इसमें सालाना आधार पर 375 प्रतिशत की बढ़त हुई है. कंपनी के मुनाफे में तेजी आने की वजह तेल की कीमतों में स्थिरता आना है.
खाने के तेल की वॉल्यूम में सालाना आधार पर 12 प्रतिशत की मजबूत ग्रोथ देखने को मिली है और यह पहली तिमाही में एक मिलियन मीट्रिक टन को पार कर गया है.
फूड और एफएमसीजी सेल्स में 42% की वॉल्यूम ग्रोथ
कंपनी ने बताया कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में फूड और एफएमसीजी सेल्स 1,500 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गई है. इसमें 42 प्रतिशत की वॉल्यूम ग्रोथ देखने को मिली है.
कारोबार में मजबूती के कारण कंपनी की बाजार हिस्सेदारी भी बढ़ी
अदाणी विल्मर के एमडी और सीईओ अंगशु मलिक ने कहा कि ग्राहक अब ब्रांडेड दालों की तरफ शिफ्ट हो रहे हैं. इसका फायदा हमें मिल रहा है. इसके कारण हमारा प्रदर्शन काफी मजबूत रहा है. वहीं, फूड और एफएमसीजी एवं खाने के तेल सेगमेंट में दोहरे अंक में वृद्धि देखने को मिली है.कारोबार में मजबूती के कारण कंपनी की बाजार हिस्सेदारी भी बढ़ी है.
ब्रांडेड एक्सपोर्ट पर वॉल्यूम सालाना 36 प्रतिशत बढ़ी
खाने के तेल, आरओसीपी (रिफाइंड ऑयल कंज्यूमर पैक) में कंपनी का मार्केट शेयर सालाना आधार पर 60 आधार अंक बढ़कर 19 प्रतिशत हो गया है. गेंहू के पैकेज आटे में कंपनी का मार्केट शेयर सालाना आधार पर 90 आधार अंक बढ़कर 5.9 प्रतिशत हो गया है. इसके अलावा ब्रांडेड एक्सपोर्ट पर वॉल्यूम सालाना आधार पर 36 प्रतिशत बढ़ी है.
मलिक ने आगे कहा कि खानेपीने के तेल की कीमतों में स्थिरता आने से हमारे बिजनेस को फायदा हुआ है और हम मजबूत मुनाफा दर्ज कर सके हैं.