'ग्लोबल डीकार्बोनाइजेशन में अहम भूमिका निभाएगा अदाणी ग्रुप' : विश्व आर्थिक मंच

अदाणी मुंद्रा क्लस्टर के जरिए अदाणी ग्रुप की तीन कंपनियां वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की 'ट्रांज़िशनिंग इंडस्ट्रियल क्लस्टर्स इनीसिएटिव' में शामिल हो गई हैं.

Advertisement
Read Time: 3 mins
अहमदाबाद:

अदाणी ग्रुप की तीन पोर्टफोलियो कंपनियां अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (AEL), अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड (APSEZ) और अंबुजा सीमेंट्स लिमिटेड अदाणी मुंद्रा क्लस्टर के जरिए वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की 'ट्रांज़िशनिंग इंडस्ट्रियल क्लस्टर्स इनीसिएटिव' में शामिल हो गई हैं. इसका उद्देश्य को-लोकेटेड कंपनियों के साथ सहयोग को बढ़ाना, आर्थिक विकास को बढ़ावा देना, रोजगार पैदा करना और 2050 तक डीकार्बोनाइजेशन की दिशा में आगे बढ़ना है.

साल 1993 में स्थापना के बाद से, मुंद्रा में बंदरगाह व्यवसाय एक संपन्न, पोर्ट-लेड औद्योगिक क्लस्टर के रूप में विकसित हुआ है. अब भारत के सबसे बड़े बंदरगाह के रूप में मान्यता प्राप्त मुंद्रा उन्नत सौर मॉड्यूल और विंड टरबाइन विनिर्माण से लेकर चुनौतीपूर्ण डीकार्बोनाइज सीमेंट उत्पादन तक विभिन्न क्षेत्रों की कंपनियों के लिए एक गतिशील केंद्र बन गया है.

APSEZ ने 2040 तक नेट-जीरो उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करने के साथ, 2025 तक अपने सभी बंदरगाह संचालन को नवीकरणीय बिजली के साथ बिजली देने के लिए प्रतिबद्ध किया है. मुंद्रा में आगामी अंबुजा इकाई का लक्ष्य वैश्विक स्तर पर सबसे कम उत्सर्जन-तीव्रता वाली सीमेंट उत्पादन सुविधा बनना है.

Advertisement

इसके अलावा, अदाणी मुंद्रा क्लस्टर दुनिया के सबसे बड़े इंटीग्रेटेड ग्रीन हाइड्रोजन हब में से एक बन जाएगा, जिसकी 2030 तक एक मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष (एमएमटीपीए) हरित हाइड्रोजन उत्पादन की योजनाबद्ध क्षमता होगी और जो 2040 तक 3 एमएमटीपीए तक विस्तारित होगी. ये पूरी तरह से इंटीग्रेटेड वैल्यू चेन द्वारा समर्थित होगा, जिसमें संबंधित बंदरगाह के बुनियादी ढांचे के साथ-साथ 10 गीगावॉट सौर मॉड्यूल, 5 गीगावॉट विंड टरबाइन और 5 गीगावॉट इलेक्ट्रोलाइज़र विनिर्माण क्षमता शामिल है. क्लस्टर में अमोनिया जैसे हरित हाइड्रोजन डेरिवेटिव के लिए उत्पादन सुविधाएं भी होंगी, जो हरित ऊर्जा ट्रांजिशन में इसके नेतृत्व को और मजबूत करेगी.

Advertisement

एपीएसईज़ेड (APSEZ) के प्रबंध निदेशक और अंबूजा सिमेंट के निदेशक करण अदाणी ने कहा, "विश्व आर्थिक मंच की ट्रांजिशनिंग इंडस्ट्रियल क्लस्टर इनीसिएटिव में शामिल होने से, सिग्नेचरीज को वैश्विक उद्योग के साथियों, थिंक-टैंक, नीति निर्माताओं और विशेषज्ञों के साथ डीकार्बोनाइजेशन की दिशा में नए दृष्टिकोण अपनाने का मौका मिलेगा. अदाणी मुंद्रा क्लस्टर एक इंटीग्रेटेड ग्रीन हाइड्रोजन मैन्यूफेक्चरिंग हब बनने की आकांक्षा रखता है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के कठिन क्षेत्रों को डीकार्बोनाइज करने और ऊर्जा आयात पर देश की निर्भरता को कम करने में मदद करेगा."

Advertisement

विश्व आर्थिक मंच ने क्लस्टर में प्रमुख हितधारकों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने और रणनीतिक बैठकों तथा देश में वर्कशॉप के जरिए आर्थिक विकास, रोजगार और डीकार्बोनाइजेशन को बढ़ावा देने के लिए, क्लस्टर की रणनीति को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

Advertisement

सेंटर फॉर एनर्जी एंड मटेरियल्स के प्रमुख और विश्व आर्थिक मंच के कार्यकारी समिति के सदस्य रॉबर्टो बोक्का ने कहा, "हमें 23 औद्योगिक समूहों के हमारे अंतरराष्ट्रीय समुदाय में भारत के पहले दो समूहों में से एक के रूप में अदाणी मुंद्रा क्लस्टर का स्वागत करते हुए खुशी हो रही है. ये क्लस्टर दक्षिण एशिया में अग्रणी ग्रीन हाइड्रोजन हब में से एक बनने की राह पर है."

(Disclaimer: New Delhi Television is a subsidiary of AMG Media Networks Limited, an Adani Group Company.)

Featured Video Of The Day
Vardhman Group के CEO SP Oswal से Cyber Criminals ने ठगे ₹7 करोड़, जानिए पूरी कहानी | City Centre