वैश्विक चुनौतियों के बीच 7% GDP दर भारत के लिए मुमकिन : मुख्य आर्थिक सलाहकार

आर्थिक सर्वेक्षण में चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी विकास दर का अनुमान 6.5 प्रतिशत से लेकर 7 प्रतिशत तय किया गया है. 

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
नई दिल्ली :

वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के बीच भारत के लिए वित्त वर्ष 2024-25 में 7 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि दर (GDP Growth Rate) हासिल करना मुमकिन है. हालांकि, इस साल की शुरुआत के मुकाबले अब यह लक्ष्य पाना चुनौतीपूर्ण हो गया है. मुख्य आर्थिक सलाहकार अनंत नागेश्वरन (Anantha Nageswaran) ने सोमवार को ये बातें कहीं. नागेश्वरन ने कहा कि जब जनवरी में हमने जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान 7 प्रतिशत तय किया था, तब हमें अधिक आत्मविश्वास था, लेकिन वैश्विक परिस्थितियां बदल गई हैं. हालांकि, हमें अभी भी लगता है कि 7 प्रतिशत विकास दर हासिल हो सकती है और हम अधिक सावधान नहीं, बल्कि विवेकपूर्ण होना चाहते हैं.

आर्थिक सर्वेक्षण में चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी विकास दर का अनुमान 6.5 प्रतिशत से लेकर 7 प्रतिशत तय किया गया है. 

उन्होंने आगे कहा कि हम वृद्धि दर को लेकर निराशावादी नहीं, बल्कि आशावादी है, लेकिन हमें उन चुनौतियों को भी ध्यान रखना होगा, जो कि मानसून के बढ़ने के साथ सामने आ रही हैं. भारत के कृषि क्षेत्र में विकास की काफी संभावनाएं हैं, लेकिन इससे जुड़े सेक्टर को प्रोत्साहन और जमीन समेकन की आवश्यकता है.

Advertisement

इलेक्ट्रॉनिक्स और फार्मा में निवेश 1.28 लाख करोड़ के पार : नागेश्‍वरन 

उन्होंने आगे कहा कि प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम के मई 2024 तक अच्छे नतीजे आए हैं. इलेक्ट्रॉनिक्स और फार्मा जैसे अहम सेक्टर में निवेश 1.28 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है.

Advertisement

नागेश्वरन ने आगे कहा कि भारत के कॉरपोरेट सेक्टर को इस बात को पुख्ता करना है कि नई टेक्नोलॉजी को लागू करने से श्रम की हिस्सेदारी आय में न घटे. यह भारत के आईटी और गैर-आईटी दोनों क्षेत्र के लिए जरूरी है.

Advertisement

हर साल 80 लाख नए रोजगार पैदा करने की आवश्‍यकता : नागेश्‍वरन 

साथ ही उन्होंने कहा कि भारत के बढ़ते हुए कार्यबल को खपाने के लिए प्रति वर्ष करीब 80 लाख नए रोजगार पैदा करने की आवश्यकता है.

Advertisement

भारत में पंजीकृत होने वाले पेटेंट में 2015 के मुकाबले 17 गुना का इजाफा हुआ है, जो दिखाता है कि देश में इनोवेशन बढ़ रहा है.

नागेश्वरन ने आगे देश में बहुत सारे सूक्ष्म उद्योगों, कुछ बड़े उद्योगों के साथ उद्यमों के असंतुलित वितरण का भी उल्लेख किया, लेकिन बीच में एक बड़ा अंतर है जिसे जीडीपी में मैन्युफैक्चरिंग की हिस्सेदारी बढ़ाकर पाटने की जरूरत है.

ये भी पढ़ें :

* "भारतीय वित्तीय क्षेत्र का आउटलुक उज्‍ज्वल रहेगा" : आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 की खासियतें
* वित्त मंत्री ने पेश किया आर्थिक सर्वेक्षण, महंगाई पर काबू से लेकर LPG, पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कटौती का भी जिक्र
* आम बजट से पहले पेश हुआ आर्थिक सर्वेक्षण, आर्थिक समीक्षा 2023-24 के खास पहलू

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Israel Hamas War: Gaza पर चल रही खास डील..जो रोक देगी इजरायल-हमास की महाजंग !