Villain Pran turn bad man to good man beacause of Upkar movie: प्राण, दिमाग पर जोर डालकर सोचिए क्या आपने किसी चालीस पचास साल के किसी शख्स का ये नाम सुना है. हिंदी फिल्मों के मशहूर विलेन प्राण जब तक फिल्मों में हिट रहे, तब तक असल जिंदगी में लोग इस नाम से बचते रहे. इस पर्दे पर प्राण साहब की कामयाबी ही कहा जा सकता है कि उन्होंने विलेन के रोल को वाकई नफरत के लायक बनाया. जिसके बाद लोगों ने अपने बच्चों का नाम प्राण रखना ही बंद कर दिया. हालांकि प्राण ने अपनी निगेटिव इमेज भी बदल डाली. वो इतने बाकमाल एक्टर थे कि बहुत आसानी से पॉजिटिव रोल्स में भी ढल गए और कॉमिक रोल्स के जरिए भी फैन्स का दिल जीत लिया. इस तरह एक मनोज कुमार की एक फिल्म ने उन्हें बैड मैन से गुड मैन बना डाला. (उपकार का कसमे वादे प्यार वफा सॉन्ग)
प्राण की वो फिल्म जिसने बैड मैन को बनाया गुड मैन
बॉलीवुड के मशूहर विलेन प्राण ने अपनी शुरूआती दौर की फिल्मों में निगेटिव रोल से फैन्स का दिल जीता. तब तक वो बॉलीवुड के एक दमदार और खूंखार विलेन के रूप में ही जाने जाते थे. उन्हें अपनी पहचान बदलने का मौका मिला फिल्म उपकार से. इस फिल्म में प्राण पॉजिटिव कैरेक्टर में दिखाई दिए थे. उनका नाम था मलंग चाचा. इस रोल में प्राण को काफी शौहरत मिली और यूजर्स का प्यार भी. फिल्म में प्राण पर एक बहुत ही इमोशनल सॉन्ग भी फिल्माया गया. जिसके बोल थे कसमें, वादे, प्यार, वफा सब बातें हैं बातों का क्या...उपकार फिल्म के मलंग चाचा ने उन्हें बैड मैन से गुड मैन बना दिया.
मनोज कुमार के साथ नजर आए थे प्राण
साल 1967 में रिलीज हुई फिल्म उपकार देश के किसानों पर बेस्ड कहानी थी. जिसे खुद मनोज कुमार ने लिखा था और लीड रोल में भी वही दिखाई दिए थे. आईएमडीबी के मुताबिक मनोज कुमार को लाल बहादुर शास्त्री के मशहूर नारे जय जवान, जय किसान से किसानों पर बेस्ड फिल्म बनाने की प्रेरणा मिली थी. उन्होंने कहा था कि जय जवान जय किसान थीम पर फिल्म बननी चाहिए. उसके बाद मनोज कुमार ने ये फिल्म लिखी. फिल्म का निर्देशन भी मनोज कुमार ने किया था.
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