बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) की कथित गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती (Rhea Chakraborty) की याचिका को लेकर अब बिहार सरकार (Bihar Government) ने भी सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दायर कर दी है. रिया चक्रवर्ती ने सुशांत सिंह राजपूत के परिवार द्वारा बिहार में दर्ज कराई गई एफआईआर को मुंबई में ट्रांसफर कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. बिहार सरकार ने इस आवेदन में न्यायालय से अनुरोध किया है कि रिया चक्रवर्ती की याचिका पर कोई भी आदेश देने से पहले उसका पक्ष भी सुना जाए. बिहार सरकार ने अपने वकील केशव मोहन के माध्यम से कैविएट दायर की है.
बता दें कि बिहार सरकार (Bihar Government) से पहले सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) के पिता कृष्ण किशोर सिह ने भी अधिवक्ता नितिन सलूजा के माध्यम से न्यायालय में कैविएट दायर की थी. उन्होंने भी इस मामले में उन्हें नोटिस दिये बगैर कोई कार्यवाही नहीं करने का अनुरोध न्यायालय से किया है. राष्ट्रीय जनता दल के तेजस्वी यादव और सहयोगी दल लोक जनशक्ति पार्टी के चिराग पासवान जैसे विपक्षी नेताओं द्वारा सुशांत सिंह राजपूत के परिवार की मदद न करने का आरोप लगाने के बाद बिहार सरकार ने यह कदम उठाया. सुशातं सिंह राजपूत के निधन को लेकर सोशल मीडिया पर भी लगातार आवाजें उठाई जा रही हैं.
सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) बीते 14 जून को अपने घर में मृत पाए गए थे. इस मामले को लेकर अब तक 40 लोगों से पूछताछ की जा चुकी है. मामले को लेकर पुलिस हर एंगल से जांच करने में लगी है. फैंस के साथ-साथ मायावती, तेजस्वी यादव, रूपा गांगुली और कई नेताओं ने सुशांत के निधन को लेकर सीबीआई जांच करवाने की मांग की. वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने इस पर कहा कि पुलिस को अपना काम करने दें. तेजस्वी यादव ने सुशांत के परिवार द्वारा एफआईआर दर्ज करवाने की बात पर कहा, "हम पटना में एफआईआर दर्ज कराने के कदम का सम्मान करते हैं, लेकिन हमें बिहार पुलिस पर कोई भरोसा नहीं है. जो अपनी अयोग्यता के लिए जानी जाती है और आसान मामलों को सुलझाने के लिए संघर्ष करती है."
चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने भी सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) के निधन की जांच सीबीआई के हाथों में सौंपने के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को कॉल की थी. जदयू के प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि मामले को सीबीआई को सौंपना महाराष्ट्र सरकार का परमाधिकार है या नहीं. लेकिन तथ्य यह है कि मुंबई पुलिस ने 40 दिनों की जांच कहीं नहीं हुई. यही एक कारण है कि परिवार ने पटना में एफआईआर दर्ज कराई है.
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