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This Article is From Aug 30, 2019

Saaho Movie Review: सिर्फ एक्शन की बाहुबली है प्रभास और श्रद्धा कपूर की 'साहो'

Saaho Movie Review: बाहुबली प्रभास (Prabhas) बॉक्स ऑफिस पर कोहराम मचाने आ गए हैं, और पिछली बार जहां वे पारंपरिक अंदाज में एक्शन करते नजर आए थे तो इस बार एकदम मॉडर्न अंदाज में दुश्मनों के दांत खट्टे कर रहे हैं.

Saaho Movie Review: सिर्फ एक्शन की बाहुबली है प्रभास और श्रद्धा कपूर की 'साहो'
Saaho Movie Review: प्रभास के शानदार एक्शन से लबरेज है 'साहो'
नई दिल्ली:

Saaho Movie Review: बाहुबली प्रभास (Prabhas) बॉक्स ऑफिस पर कोहराम मचाने आ गए हैं, और पिछली बार जहां वे पारंपरिक अंदाज में एक्शन करते नजर आए थे तो इस बार एकदम मॉडर्न अंदाज में दुश्मनों के दांत खट्टे कर रहे हैं. हॉलीवुड स्टाइल हर मसाला समेटे 'साहो (Saaho)' के एक्शन सांसें रोक देते हैं. फिर प्रभास एक्शन करते हुए लगते भी कमाल हैं. कुल मिलाकर 'साहो (Saaho)' एक्शन प्रेमियों के लिए परफेक्ट मसाला है, लेकिन कहानी की चाहत रखने वालों के लिए फिल्म जरूर निराशा लेकर आती है, क्योंकि डायरेक्टर ने एक बहुत ही सिम्पल कहानी पर भव्य एक्शन रचने की कोशिश की है. 

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'साहो (Saaho)' की कहानी दो हजार करोड़ की चोरी की है और उसके बाद ब्लैक बॉक्स का चक्कर है. चोरी, और विलेन्स की सीनाजोरी के बीच सबको याद आती है अंडरकवर पुलिस अफसर प्रभास की. प्रभास की एंट्री के साथ ही एक्शन का तूफान आ जाता है. लेकिन 'साहो' में जैसे ही श्रद्धा कपूर की एंट्री होती है, रफ्तार पर लगाम लग जाती है. एक्शन की इस डोज के बीच रोमांस का छौंक अटकने लगता है. प्रभास कहते हैं कि 'वॉयलेंस ज्यादा हो गया है' और रोमांस की बात करते हैं. लेकिन 'साहो' में यह रोमांस ही सिरदर्द बनता है. फिल्म की कहानी में ढेर सारी विलेन्स और बेवजह के ट्विटस्ट तंग करने लगते हैं. फिल्म में पूरी तरह से तारी रहता है तो सिर्फ प्रभास का एक्शन. कुल मिलाकर सुजीत ने एक कमजोर कहानी को 'बाहुबली' बनाने की कोशिश की है. 

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'साहो (Saaho)' में एक्टिंग की बात करें तो प्रभास (Prabhas) सामान्य है. उनका धीमे-धीमे डायलॉग बोलने का एक स्टाइल है, जो कई जगहों पर जमता है तो कई जगह पर खलता भी है. लेकिन एक्शन करते हुए बेजोड़ लगते हैं. उनकी कद-काठी और अंदाज एक्शन को बहुत फबता है. कुल मिलाकर उनकी परदे पर मौजूदगी 'साहो' में जान डाल देती है. साहो का एक डायलॉग बहुत ही कमाल का है, 'गली क्रिकेट में तो सब तेंदुलकर है, असली टैलेंट तो वो होता है जो भरे मैदान के बाहर सिक्सर मार सके.' बेशक एक्शन के मामले में वे सिक्सर मारने में कामयाब रहे हैं. फिल्म में दूसरा एक्टर जो ध्यान खींचता है, वह चंकी पांडेय है. चंकी पांडेय ने अपनी एक्टिंग से दिल जीता है. श्रद्धा कपूर का कैरेक्टर बहुत ही खराब ढंग से लिखा गया है. इसलिए श्रद्धा कपूर कोई रंग नहीं जमा पाती हैं. 

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'साहो (Saaho)' का म्यूजिक अच्छा है, लेकिन 'साहो' में सॉन्ग फिल्म की रफ्तार को धीमी करने का काम करते हैं. डायरेक्शन की बात करें तो सुजीत ने दिखा दिया है कि भारत में हॉलीवुड स्टाइल एक्शन रचा जा सकता है. फिल्म की सिनेमैटोग्राफी और ग्राफिक्स कमाल के हैं. डायरेक्शन भी ठीक-ठाक है, लेकिन कमजोर कहानी पूरा जायका बिगाड़ देती है. कहानी में कुछ भी नया नहीं है, और चीजों को ठूंसने की कोशिश की गई है. 'साहो' कुल मिलाकर एक्शन और ग्राफिक्स का कमाल है, जिसे प्रभास और एक्शन प्रेमियों के लिए एक बार बार देखना तो बनता है. 

रेटिंगः 2.5/5 स्टार
कलाकारः प्रभास, श्रद्धा कपूर, चंकी पांडेय, नील नितिन मुकेश और जैकी श्रॉफ
डायरेक्टरः सुजीत

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