रिफ्यूजी मूवी का एक बहुत शानदार गाना है, पंछी, नदियां, पवन के झौकें, कोई सरहद न इसे रोके...सही है पंछियों को, नदिया को और हवा को कोई रोक नहीं सकता. ये बात किसी के हुनर पर भी ज्यों कि त्यों ही लागू होती है. टैलेंट न उम्र का मोहताज है, न अमीरी गरीबी देखता है न भाषा के बंधन को मानता है. खासतौर से बात संगीत की हो, म्यूजिक और सिंगिंग की हो तो इस हुनर को भी सरहदों में बांधना या उम्र में बांधना आसान नहीं होता, जिसकी मिसाल है एक बुजुर्ग महिला का वो वीडियो, जिसमें वो एक पुराना गाना गाते सुनी जा सकती हैं.
इस हुनर के क्या कहने?
वॉइस ऑफ यूनिक सिंगर्स नाम के इंस्टाग्राम हैंडल इस बुजुर्ग महिला का वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में बुजुर्ग महिला एक खेत में बैठी हैं. बीच बीच में वो अपना खेती किसानी से जुड़ा काम भी करती नजर आएंगी. कभी वो फसल तोड़ती तो कभी फली छांटती दिख जाएंगी और यही काम करते करते वो अपना पसंदीदा गीत गा रही हैं. गीत के बोल हैं बहारों फूल बरसाओ, मेरा महबूब आया है...उनकी उम्र, उनके काम को देखते हुए कोई ये अंदाजा नहीं लगा सकता कि वो इतनी खूबसूरत आवाज की मालकिन हैं और न ही ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि वो इस तरह गाना गाने का हुनर भी रखती हैं.
नेहा कक्कड़ से भी बेहतर!
इस गाने को सुनकर यूजर्स इस हिडन टैलेंट की खूब तारीफ कर रहे हैं. एक यूजर ने लिखा कि दादी मां के लिए एक लाइक तो बनता है. एक अन्य यूजर ने कहा कि दादी मां से नेहा कक्कड़ को कुछ सीखना चाहिए. एक अन्य यूजर ने लिखा कि दादी मां आप मुंबई आ रही हैं. कुछ यूजर्स ने लिखा कि दादी अगर सही समय पर मुंबई पहुंच गई होतीं तो आज किसी और मुकाम पर होतीं. तो एक ने लिखा है, असली टैलेंट तो यहां खेतों में है.
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