एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में यह एक आम धारणा है कि कॉमेडी स्टार्स बॉलीवुड के लीडिंग सितारों जितना पैसा नहीं कमाते. कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक कॉमेडियन कपिल शर्मा भारत के सबसे अमीर कॉमेडियन हैं. लेकिन असल में कपिल शर्मा या भारती सिंह नहीं भारत में सबसे अमीर कॉमेडियन ब्रह्मानंदम हैं. वह बेहद पॉपुलर तेलुगु एक्टर और कॉमेडियन हैं. नाम से भले ही आप ना पहचानें लेकिन अगर चेहरा देख लेंगे तो पहचान जाएंगे क्योंकि साउथ की करीब करीब हर फिल्म में ही ये अपना तड़का लगाते दिख जाते हैं. उनकी सैलरी या फीस 2 करोड़ रुपये से ज्यादा है और उनकी कुल संपत्ति 490 करोड़ रुपये है.
67 साल के इस पॉपुलर स्टार ने अब तक 1000 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है. वह इकलौते ऐसे लिविंग एक्टर है जिनका नाम सबसे ज्यादा फिल्मों के क्रेडिट्स में है. इस बात के लिए उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है. आर्ट में उनके योगदान के लिए उन्हें 2029 में पद्म श्री प्राप्त हुआ. वह अभी भी भारत के सबसे ज्यादा कमाई करने वाले कॉमेडी एक्टर्स में से एक हैं.
दावों के अनुसार कपिल शर्मा, भारती सिंह और इनके जैसे दूसरे पॉपुलर कॉमेडी स्टार्स को भारत में सबसे ज्यादा पैसे लेने वाला स्टार माना जाता है. ब्रह्मानंदम फिल्म में रोल के लिए लिए 1 करोड़ से 2 करोड़ रुपये और ब्रांड एंडोर्समेंट के लिए 1 करोड़ रुपये के बीच फीस चार्ज करते हैं.
महंगी कारों के मालिक हैं ब्रह्मानंदम
ब्रह्मानंदम एक ब्लैक प्रीमियम मर्सिडीज-बेंज, एक ऑडी आर8 और एक ऑडी क्यू7 के मालिक हैं. इसके अलावा वह करोड़ों की बेशकीमती खेती की जमीन के मालिक हैं. इसके अलावा ब्रह्मानंदम के पास हैदराबाद के जुबली हिल्स में एक बंगला है. हाल ही में ऐसे दावे किए गए थे कि कपिल शर्मा की कुल संपत्ति 300 रुपये है. इस पर कपिल ने जवाब भी दिया था. आजतक को दिए एक इंटरव्यू में कपिल ने (हिंदी में) कहा, "मैंने भी बहुत पैसे गंवाए हैं... लेकिन सच कहूं तो मैं इन सबके बारे में नहीं सोचता. मुझे पता है कि मेरे पास घर है, कार है, मेरे पास एक कार है, परिवार है और यही सब मायने रखता है. बेशक मैं कोई संत नहीं हूं. मैं अच्छा पैसा नहीं ठुकराऊंगा. लेकिन आज भी मेरी सोच सैलरी वाली है. मेरी पत्नी को चीजों पर खर्च करना पसंद है लेकिन मुझे नहीं."
एक कारपेंटर का बेटा, एक व्याख्याता से भारत के सबसे बड़े कॉमेडी एक्टर बनने तक का सफर
ब्रह्मानंदम ने 1985 में डीडी तेलुगु के पकापकलु से टेलीविजन पर अपनी शुरुआत की. श्री टाटावतरम उनकी पहली फिल्म थी इसके बाद उन्होंने 'सत्याग्रहम' और 'अहा ना पेलंता' की. उन्होंने 35 साल से ज्यादा लंबे करियर के दौरान छह राज्य नंदी पुरस्कार, एक फिल्मफेयर पुरस्कार दक्षिण और छह सिनेमा पुरस्कार जीते हैं.
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