मानसिक रोग पर बनी इन 6 फिल्मों को हर किसी को जरूर देखना चाहिए

तेज रफ्तार जिंदगी में हम कई तरह के दबावों और परेशानियों से गुजर रहे हैं. सोशल मीडिया जहां कई फायदे लेकर आया है, वहीं एकांकीपन की तरफ धकेलता भी है.

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मेंटल हेल्थ पर बनी हैं ये फिल्में
नई दिल्ली:

तेज रफ्तार जिंदगी में हम कई तरह के दबावों और परेशानियों से गुजर रहे हैं. सोशल मीडिया जहां कई फायदे लेकर आया है, वहीं एकांकीपन की तरफ धकेलता भी है. ऐसे में भाग-दौड़ भरी जिंदगी में कई बार उन बातों को नजरअंदाज कर देते हैं जो अहम होती हैं. फिर भारत में मानसिक रोगों को लेकर जागरुकता अभी उस स्तर पर नहीं पहुंची है, जिस पर इसे होना चाहिए. ऐसे में कम जानकारी के अभाव में इनसे ग्रस्त लोग समझ ही नहीं पाते हैं कि उनके साथ क्या हो रहा है. लेकिन बॉलीवुड में कुछ ऐसी फिल्में बनी हैं जिनमें इस अहम सामाजिक मुद्दे और मानसिक रोगों को लेकर जागरूकता पैदा करने की कोशिश की गई है.

 15 पार्क एवेन्यू

'15 पार्क एवेन्यू'  में सिजोफ्रेनिया के बारे में दिखाया गया है. यह एक दिमागी बीमारी है, जिसमें इंसान यथार्थ और कल्पना के बीच का फर्क नहीं समझ पाता. शबाना आजमी और कोंकणा सेनगुप्ता स्टारर यह फिल्म इस बीमारी के बारे में बहुत कुछ स्पष्ट करती है.  

मदहोशी 

बिपाशा बसु, जॉन अब्राहम, डीनो मारिया स्टारर इस फिल्म में भी सिजोफ्रिनिया के बारे में दिखाया गया है. अर्पित( डीनो मारिया)  से सगाई होने के बावजूद अनुपमा यानी बिपाशा को को अजनबी अमन (जॉन अब्राहम) से प्यार होता है. अनुपमा का परिवार अमन से मिलने का फैसला करता है लेकिन वे यह जानकर हैरान है कि अमन नाम का कोई आदमी है ही नहीं. लेकिन अनुपमा मानने को तैयार नहीं है कि अमन नहीं है. 

 डियर ज़िंदगी

आलिया भट्ट, शाहरुख़ ख़ान, इरा दुबे, कुणाल कपूर, अंगद बेदी और अली जफर स्टारर इस फिल्म में कहानी एक सिनेमेटोग्राफर के इर्द-गिर्द घूमती है. वह अपने काम और रिश्तों के बीच में उलझी हुई है और अपनी लाइफ से खुश नहीं है. एक मनोवैज्ञानिक से मिलती है जो एक नया दृष्टिकोण अपनाने में मदद करता है और उसे सामान्य लाइफ जीने में मदद करता है. 

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तमाशा

इम्तियाज अली की इस फिल्म में रणबीर कपूर अपने असली व्यक्तित्व की खोज करने की कोशिश कर रहे हैं,  दीपिका पादुकोण उनकी गर्लफ्रेंड हैं, जो उनकी जर्नी में मदद करने की कोशिश करती है. फिल्म में दिखाया गया है कि मानसिक परेशानी से जूझ रहे किसी व्यक्ति के व्यवहार को लोग समझ पाते हैं.

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छिछोरे

एक्टर सुशांत सिंह राजपूत स्टारर इस फिल्म में यंग जेनरेशन के बीच मां बाप की उम्मीदों का बोझ, नंबर ज्यादा लाने और करियर को लेकर स्टूडेंट्स में स्ट्रेस और डिप्रेशन जैसी समस्या को दिखाया गया है. दबाव के कारण कई बार स्टूडेंट्स सुसाइड तक कर लेते हैं. इऩ कारणों से बच्चों की मेन्टल स्ट्रेंथ कितनी अफेक्टेड होती है, इस फिल्म काफी हद तक दिखाया गया है.    

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 जजमेंटल है क्या

ये एक साइकॉलॉजिकल थ्रिलर फिल्म हैं, जिसमें दिखाया गया है कि घरेलू हिंसा का बच्चों के मानसिक स्वास्थ पर कितना गलत असर पड़ता है. फिल्म में कंगना रनौत और राजकुमार राव मुख्य लीड रोल में हैं. फिल्म में राजकुमार रॉव और कंगना रनौत दोनो ही की सोच दुनिया से बिल्कुल अलग है.
 

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