बीते कुछ सालों में बॉलीवुड में नेपोटिज्म का मुद्दा अहम रहा है. यह मुद्दा उस समय चर्चा में आ गया था, जब करण जौहर के चैट शो में कंगना ने इस बारे में बात की थी. अब पहली बार फिल्म निर्माता आदित्य चोपड़ा ने इस मुद्दे पर बात की है. आदित्य ने अपने भाई उदय के बार में बात करते हुए कहा है कि नेपोटिज्म भी उन्हें स्टार नहीं बना पाया. उन्होंने कहा कि एक शानदार फिल्म निर्माता के बेटे होने के बावजूद उदय हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान नहीं बना सके.
नेपोटिज्म पर बात करते हुए आदित्य कहते हैं, "लोग जिन चीजों को नज़रअंदाज़ करते हैं, उनमें से एक यह है कि हर व्यक्ति जो प्रिवलेज बैकग्राउंड से आता है- जरूरी नहीं कि वो सफल हो. मैं इसे अन्य लोगों का नाम लिए भी स्पष्ट कर सकता हूं. मैं इसे अपने परिवार का उल्लेख करते हुए ही स्पष्ट कर सकता हूं. मेरा भाई एक अभिनेता है, और वह बहुत सफल अभिनेता नहीं है. यहां सबसे बड़े फिल्म निर्माताओं में से एक का बेटा है. वह एक बहुत बड़े फिल्म निर्माता का भाई हैं. सोचिए YRF जैसी कंपनी जिसने इतने सारे न्यूकमर्स को लॉन्च किया हो, हम उसे स्टार नहीं बना पाए. हम इसे अपने लिए क्यों नहीं कर सके? क्योंकि केवल एक दर्शक ही तय करेगा कि मुझे यह व्यक्ति पसंद है, मैं इस व्यक्ति को देखना चाहता हूं, कोई और नहीं".
आदित्य आगे कहते हैं, "हां, यदि आप एक फिल्मी परिवार में पैदा हुए हैं, तो इसमें कोई संदेह नहीं है कि ऑडिशन या ब्रेक लेना आसान हो सकता है. लेकिन यह वहीं रुक जाता है". उदय कहते हैं, "जब धूम आई थी, तब भी मैं मुख्यधारा का अभिनेता बनने की कोशिश कर रहा था. मुझे अली को एक उदाहरण के रूप में लेना चाहिए था और उस तरह की भूमिकाएं करनी चाहिए थीं. जब मैंने अभिनय करना शुरू किया, तो मैं बहुत भोला था. मैंने सोचा था कि हर कोई मुझे पसंद करेगा. मैंने यह नहीं सोचा था कि लोग मुझे पसंद नहीं करेंगे".
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