100 गाने और साथ में अमीन सायानी की दिल छू लेने वाली आवाज, देखा यह वीडियो तो याद आ जाएगा 1990 के दशक का सोमवार

अमीन सायानी का 91 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है. लेकिन अमीन सयानी की आवाज का जादू हमेशा जिंदा रहेगा. यहां हम आपके लिए एक ऐसा वीडियो लाए हैं जिसमें 100 गाने हैं और इनके साथ उनकी कमेंट्री है. अगर आपको उनकी आवाज का जादू समझना है तो जरूर देखें यह वीडियो.

100 गाने और साथ में अमीन सायानी की दिल छू लेने वाली आवाज, देखा यह वीडियो तो याद आ जाएगा 1990 के दशक का सोमवार

अमीन सयानी के निधन पर उनका यादगार वीडियो

नई दिल्ली:

बरसों तक अपनी जादुई आवाज से दुनिया भर के श्रोताओं के दिल में राज करने वाले अमीन सायानी ने आज हमेशा के लिए दुनिया को अलविदा कह दिया. 91 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया. सही मायने में कहें तो अमीन सायानी देश के पहले रेडियो सितारे रहे हैं, जिनका रुतबा किसी भी फिल्मी सितारे से कम नहीं था. एक वो जमाना था जब 'बिनाका गीतमाला' कार्यक्रम से उन्होंने पूरे देश विदेश में धूम मचा दी थी. दुनिया उनकी आवाज की कायल हो गई थी.  भले ही आज वो हमारे बीच ना हों लेकिन अगर आप उनकी जादुई आवाज का जादू के दीवाने हैं तो यह वीडियो सिर्फ आपके लिए है. 

अमीन सयानी का वीडियो

अमीन सायानी की जादुई आवाज का बेशकीमती कलेक्शन 

अमीन सायानी कि वह आवाज जिसको सुनकर ऐसा लगता था मानो फिल्मों में गाए गीत आप ही के लिए हैं. सायानी की आवाज में 'नमस्कार बहनो और भाइयो' मैं आपका दोस्त अमीन सयानी बोल रहा हूं, आज भी रेडियो प्रेमियों के कानों में गूंजता है. रसीली मुस्कुराते गीत माला की छांव में सुरों की रिमझिम के साथ रेडियो के सितारे अमीन सायानी की जादुई आवाज का किरणें भी बिखरती थीं. आज भले ही अमीन सायानी हमारे बीच नही हैं, उनकी आवाज का जादू ताउम्र श्रोताओं के दिलों में गूंजता रहेगा. हम आपके साथ एक सौ गानों के साथ अमीन सायानी की आवाज का वो वीडियो साझा कर रहे हैं जो आपको उनके होने का एहसास दिलाएगा. 1990 के दशक में सिबाका गीतमाला सोमवार के दिन आया करता था.

अमीन सयानी का यादगार वीडियो

ऐसे बने रेडियो सुपरस्टार 

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 21 दिसंबर 1932 को मुंबई में जन्मे अमीन सायानी का परिवार स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ा था. महज 7 साल के थे तब अपने भाई ब्रॉडकास्टर हमीद सायानी के साथ ऑल इंडिया रेडियो में उन्होंने पहली बार रेडियो प्रसारण देखा था. ये वही दिन था जिस वक्त उन्होंने मन ही मन यह ठान लिया था कि वो पूरी दुनिया में अपनी आवाज का जादू फैलाएंगे. 1952 में रेडियो सिलोन पर उनका फिल्मी गीतों का कार्यक्रम बिनाका गीतमाला शुरू हुआ तो धूम मच गई. पहले कार्यक्रम के बाद ही उनके पास श्रोताओं के नौ हजार पत्र पहुंच गए. बाद में हर हफ्ते 50 हजार चिट्ठियां आने लगीं. बिनाका गीतमाला ने 20 साल के अमीन सयानी की जिंदगी पूरी तरह बदल दी कम उम्र में ही उन्होंने लोकप्रियता के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए. रेडियो के जरिए उनका नाम घर-घर मशहूर हो गया.  भारत में रेडियो प्रसारण में क्रांति लाने वाले इस महान कलाकार के निधन पर मनोरंजन जगत आज स्तब्ध है और इंडस्ट्री में उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा.