दबाव में तो हैं भारतीय कप्तान विराट कोहली. ख़ासकर मुख्य कोच रवि शास्त्री के बुक लॉन्च में शामिल होने के बाद उन पर 'बायो बबल ब्रीच' करने का आरोप लगा. इंग्लिश मीडिया और पूर्व इंग्लिश खिलाड़ी पांचवे टेस्ट के रद्द होने के लिए उन्हें सीधे तौर पर ज़िम्मेदार मान रहे हैं. इंग्लैंड के पूर्व कप्तान डेविड गावर ने तो यहां तक दावा किया है कि विराट कोहली ने बकायदा ई-मेल कर मैच रद्द करने की गुज़ारिश की थी. इसलिए इंग्लैंड आज भी अड़ा हुआ है कि भारत पांचवें टेस्ट में इग्लैंड को वॉकओवर दे और सीरीज़ बराबरी पर घोषित की जाए.
कोच रवि शास्त्री भी T20 वर्ल्ड कप के बाद अलविदा कहने वाले हैं. विराट के लिए उनका साथ छूटना एक बड़ा झटका होगा. मामला गर्म है. लिहाज़ा विरोधी खेमे ने चोट कर दी. कुछ दिन पहले एक राष्ट्रीय अख़बार ने अपने मुख्य पृष्ठ पर छापा कि विराट सीमित ओवर्स क्रिकेट की कप्तानी छोड़ने का मन बना रहे हैं. T20 वर्ल्ड के बाद विराट रोहित शर्मा को कप्तानी की बागडोर सौंप देंगे ताकि वो बल्लेबाज़ी पर फ़ोकस कर सकें. आप जानते ही हैं कि आईसीसी T20 वर्ल्ड कप UAE और ओमान में 17 अक्टूबर से खेला जाना है. T20 वर्ल्ड कप का फ़ाइनल 14 नवंबर को दुबई में खेला जाएगा. भारत का पहला ही मैच पाकिस्तान से है. ये मैच 24 अक्टूबर को खेला जाएगा.
सवाल है कि क्या विराट कोहली पर कप्तानी छोड़ना का दबाव बनाया जा रहा है या कोई भूमिका तैयार की जा रही है कि अगर आईसीसी वर्ल्ड T20 में भारतीय टीम नाकाम होती है तो विराट पर दबाव बढ़ाया जाए. उनसे कप्तानी छीन ली जाए. लेकिन अगर भारत ख़िताब जीत लेता है तो इस तरह की तमाम कहानियां दफ़न हो जाएंगी. इस संबंध में मैंने बीसीसीआई संपर्क किया. बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने इसे सिरे से ख़ारिज कर दिया.
"ये सब बकवास बातें हैं. ऐसा कुछ नहीं होने जा रहा है. ये सब मीडिया की उड़ाई हुई बातें हैं. बीसीसीआई की इस पर कोई बैठक नहीं हुई है और न ही इस तरह की कोई चर्चा हो रही है. विराट कोहली तीनों फ़ॉमैर्ट में कप्तान बने रहेंगे."
तो क्या किसी एजेंडा के तहत इस ख़बर को प्लांट किया गया था या विराट कोहली के पीछे कोई लॉबी काम कर रही है? एक पूर्व भारतीय कप्तान और कमेंटेटर ने हाल ही में कहा था कि मुंबई इंडियंस की कप्तानी मिलने के बाद से रोहित शर्मा के खेल में निखार आया है. कमेंटेटर मुंबई से हैं. उनके इस बयान में आप मतलब तलाश सकते हैं. सवाल ये भी है कि क्या विराट कोहली और रोहित शर्मा के बीच अहं का टकराव है? विराट और रविचंद्रन के बीच भी मतभेद की कहानियां गढ़ी जाती रही हैं. कहा गया कि जानबूझ कर भारत-इंग्लैंड सीरीज़ के दौरान विराट और शास्त्री ने अश्विन को मौक़ा नहीं दिया.
कप्तान विराट कोहली और रोहित शर्मा के बीच संवादहीनता की कहानी अक्सर सामने आती रहती है. आपको शायद याद हो कि पिछले ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर रोहित शर्मा टीम के साथ नहीं गए. आईपीएल के बाद वे दुबई से मुंबई लौट गए थे जबकि बाक़ी टीम सीधे ऑस्ट्रेलिया रवाना हो गयी थी. बीसीसीआई की ओर से कहा गया कि रोहित पूरी तरह फ़िट नहीं थे जबकि कप्तान विराट कोहली ने कहा कि उन्हें रोहित की स्थिति के बारे में सही जानकारी नहीं है. विराट के बयान से ख़ासा बवाल मचा था. बाद में रोहित ऑस्ट्रेलिया भेजे गए लेकिन तब तक 3 टेस्ट मैच खेले जा चुके थे और एडिलेड में खेले गए पहले टेस्ट के बाद विराट कोहली अपनी बच्ची के जन्म के लिए वापस भारत लौट गए थे.
ये सच है कि विराट कोहली की कप्तानी में भारत अब तक ICC का कोई ख़िताब जीत नहीं पाया है. 2017 तक कोहली तीनों स्वरूप के कप्तान बन चुके थे. भारतीय टीम कई बार आईसीसी ख़िताब के क़रीब पहुंच कर जीत दर्ज़ करने में नाकाम रही है. इसी साल जून में कोहली के लिए सुनहरा मौक़ा था. लेकिन वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फ़ाइनल में भारत न्यूज़ीलैंड से हार गया. इससे पहले न्यूज़ीलैंड ने ही विराट का सपना तोड़ा था. 2019 में इंग्लैंड में खेले गए वर्ल्ड कप के बारिश से प्रभावित सेमीफ़ाइनल में कीवी टीम ने भारत को हराकर टूर्नामेंट से बाहर कर दिया था. 2017 में चैंपियंस ट्रॉफ़ी के फ़ाइनल में भारत पाकिस्तान से हार गया था. इस बार अगर भारत ख़िताब जीतने में कामयाब रहता है तो विराट कोहली पर उठने वाले सारे सवाल ख़त्म हो जाएंगे.
अब ये जानना भी ज़रूरी है कि क्या कप्तानी का असर उनकी बल्लेबाज़ी पर पड़ा है. बतौर कप्तान विराट कोहली ने 65 टेस्ट में 56.10 की औसत से 5667 रन बनाए हैं जबकि एक खिलाड़ी के तौर पर 31 टेस्ट में 41.13 की औसत से 2098 रन बनाए हैं. जहां तक वनडे की बात है, 95 वनडे में उन्होंने बतौर कप्तान 72.65 की औसत से 5449 रन बनाए हैं जबकि एक खिलाड़ी के तौर पर 159 वनडे में 51.29 की औसत से 6720 रन बनाए हैं. साफ़ है कप्तान के रूप में टेस्ट और वनडे दोनों में उनका प्रदर्शन बेहतर है. कोहली ने 45 T20 में कप्तानी की है और 45 में सिर्फ़ खिलाड़ी के तौर पर खेले हैं. बतौर कप्तान उनका औसत 48.45 और खिलाड़ी के रूप में 57.13 रहा है. कमोवेश यहां भी उनकी कप्तानी का असर बल्लेबाज़ी पर नहीं पड़ा है.
अब देख लेते हैं कि उनका कप्तानी में भारत का प्रदर्शन कैसा रहा है. विराट कोहली टेस्ट के सबसे सफल भारतीय कप्तान हैं. उनकी कप्तानी में भारत ने 65 टेस्ट में 38 जीते हैं. 95 वनडे में कोहली ने भारत को 65 में जीत दिलायी है. जीत का प्रतिशत रहा है 70.43 और 45 T20 में भारत ने 38 जीते हैं. यानी विराट की कप्तानी में भारत ने 58.46 फ़ीसदी मैच जीते हैं. 95 वनडे में 65 जीत के साथ जीत प्रतिशत रहा है 70.43 और 45 वनडे में 27 जीत से सफलता का प्रतिशत बनता है 65.11.
लब्बोलुआब ये है कि उनकी कप्तानी का रिकॉर्ड शानदार रहा है. जानकार कहते हैं कि बिना कप्तानी के कोहली कोहली नहीं रह पाएंगे. यहां तक की महेंद्र सिंह धोनी के कप्तान रहते भी कोहली सलाह देने से चूकते नहीं थे. वे शांत रह ही नहीं पाएंगे, खुली किताब हैं, आस्तीन में अपनी भावनाएं छुपा नहीं सकते.
संजय किशोर एनडीटीवी में स्पोर्ट्स एडिटर हैं...
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