कहते हैं कि समय बहुत बलवान होता है और समय एक समान भी नहीं रहता. वक़्त हमेशा बदलता रहता है. आप सोच रहे होंगे कि आज मैं दार्शनिक बातें क्यों कर रहा हूं. ज़्यादा दिन नहीं हुए हैं. बात सिर्फ़ 7 महीने पुरानी है. चेतन शर्मा की चयन समिति ने आईसीसी T20 वर्ल्ड कप के लिए टीम का एलान किया. 15 सदस्यों की टीम में 5 स्पिनर शामिल किए गए. रविचंद्रन अश्विन, रविन्द्र जडेजा, अक्षर पटेल, वरुण चक्रवर्ती और राहुल चहर. चार साल बाद रविचंद्रन अश्विन की टीम में वापसी हुई. लेकिन 2 बड़े नाम वर्ल्ड कप की टीम में शामिल नहीं थे-शिखर धवन और युज़वेंद्र चहल. क्रिकेट जानकार चहल के नाम नहीं होने से हैरान थे. थोड़े दिन पहले संकट से निकले चहल परिवार के लिए दूसरा झटका था. दरअसल चहल के माता-पिता कोरोना के शिकार हो गए थे. पिता जी को तो अस्पताल में एडमिट कराना पड़ा था. वहीं पत्नी धनश्री की मां और भाई भी कोविड पॉज़िटिव थे. धनश्री की एक आंटी की तो मौत भी हो गई.
बहरहाल, वर्ल्ड कप की टीम में नहीं चुने जाने पर भी युज़वेंद्र चहल ख़ामोश रहे लेकिन पत्नी धनश्री से चुप नहीं रहा गया. उन्होने इंस्टाग्राम पर एक भावुक पोस्ट लिखा, 'मां कहती है कि ये वक़्त भी गुज़र जाना है. सिर उठा कर जियो क्योंकि हुनर और अच्छे कर्म हमेशा साथ देते हैं... तो जी बात ऐसी है कि ये वक्त भी गुज़र जाना है. भगवान हमेशा महान है.'
इतना ही नहीं आईपीएल में युज़वेंद्र चहल को उनकी टीम बैंगलोर ने रिटेन भी नहीं किया. मजबूरन मेगा नीलामी के लिए उन्होने 2 करोड़ के बेस प्राइस पर खुद को रजिस्टर्ड कराया. ऑक्शन के पहले दिन दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और राजस्थान की टीमों ने उन पर बोली लगायी. अंत में राजस्थान रॉयल्स ने उन्हें 6.5 करोड़ में खरीद लिया. राजस्थान रॉयल्स के CEO जेक लश मैकरम ने उन्हें पूरे ऑक्शन का सबसे अच्छा सौदा बताया.
और देखिए सिर्फ़ 7 महीने में बुरा वक़्त गुज़र गया.
चहल ने अपनी टीम को निराश नहीं किया है. आईपीएल शुरु हुए एक महीने से ज़्यादा का समय हो चुका है. आज यानी 27 अप्रैल को गुजरात और हैदराबाद की टक्कर है. इस मैच के खेले जाने के पहले तक राजस्थान की टीम टॉप पर है और इसमें चहल की अहम भूमिका रही है.
8 मैचों में 7.28 की इकॉनमी रेट से 18 विकेट लेकर चहल ने पर्पल कैप पर कब्ज़ा जमा रखा है
31 साल के चहल ने कोलकाता के ख़िलाफ़ सीज़न की पहली हैट्रिक भी लगाई. मैच में उन्होने 40 रन देकर 5 विकेट लिए जो उनके करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है.
कप्तान संजू सैमसन मिडिल ओवर में उनसे बॉलिंग कराते हैं और चहल विरोधी खेमे में सेंध लगाने में रहते हैं. सबसे अच्छी बात है कि चहल कभी हार नहीं मानते और प्रदर्शन से प्रेरणा भी लेते हैं.
प्रेरणा से एक बात याद आ गयी है. चहल ने एक किस्सा का ज़िक्र किया है. बैंगलोर और मुंबई के बीच चिन्नास्वामी स्टेडियम पर एक मैच खेला जा रहा था. तब चहल बैंगलोर की टीम में थे. सामने बल्लेबाज़ थे युवराज सिंह जो पहली 3 गेंद पर 3 छक्के लगा चुके थे. चहल को उस दिन लगा कि बाक़ी 3 गेंदों पर भी छक्के पड़ जाएंगे. लेकिन फिर उन्होने ख़ुद में आत्मविश्वास जगाया और चौथी गेंद पर युवराज को आउट कर दिया. चहल जब भी निराश होते हैं अपने इस प्रदर्शन को याद करते हैं
चहल ने हाल ही में सनसनीखेज़ ख़ुलासा किया था है कि साल 2013 में उनकी जान-जाते जाते बची थी. उन्हें नशे में धुत एक खिलाड़ी ने 15वीं मंजिल की बालकनी से लटका दिया था. चहल ने एक और घटना का ज़िक्र किया था. ऑस्ट्रेलिया के एंड्र्यू साइमंड्स और न्यूज़ीलैंड के जेम्स फ़्रैंकलिन ने नशे में चहल के हाथ-पांव बांधकर मुंह पर टेप चिपका दिया था और रातभर भूल गए.
संजय किशोर NDTV इंडिया के स्पोर्ट्स एडिटर हैं...
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