आज बात एक ख़ास बल्लेबाज़ की जिसकी गिनती जो रूट, केन विलियम्सन और स्टीवन स्मिथ के साथ दुनिया के 4 बेहतरीन बल्लेबाज़ों में होती है. दो साल पहले तक मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर का तकरीबन हर रिकॉर्ड खतरे में नज़र आ रहा था. बेहतरीन तकनीक, वर्ल्ड क्लास फ़िटनेस और अति महात्वाकांक्षी खिलाड़ी 2 साल पहले तक 4 में से 1 मैच में शतक लगा रहा था. सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और महेंद्र सिंह धोनी भारतीय क्रिकेट को जिन ऊंचाइयों पर ले गए थे वहां से भी क्रिकेट नए मुक़ाम की ओर बढ़ता नज़र आया. मगर साल 2019 से सब कुछ थम सा गया. मानो किसी की नज़र लग गयी. पहले T20 की कप्तानी छोड़ी. फिर आईपीएल की. वनडे की कप्तानी छीन ली गयी और टेस्ट की कप्तानी छोड़ने के लिए मजबूर कर दिए गए. 2 साल से क्रिकेट के किसी स्वरूप में शतक नहीं लगा पाए हैं और न ही मैन ऑफ़ द मैच. अपने करियर में पहली बार लगातार दो साल शतक नहीं लगा पाए हैं. पिछले 2 साल में अंतर्राष्ट्रीय और आईपीएल मिलाकर 100 मैच खेल चुके हैं लेकिन शतक एक भी नहीं है.
क्या हो गया हमारे दौर के सबसे प्रतिभाशाली बल्लेबाज़ को?
क्या ज़्यादा तेज़ भाग रहे थे विराट कोहली?
और सबसे अहम सवाल-क्या फ़िटनेस के अतिरेक ने समय से पहले थका दिया है?
ये सवाल हम इसलिए पूछ रहे हैं क्योंकि विराट कोहली के रवि भाई और इंग्लैंड के पूर्व कप्तान केविन पीटरसन जैसे दिग्गज़ कह रहे हैं कि 33 साल के विराट कोहली का ब्रेन फ़्राइड हो चुका है कि उनको छुट्टी चाहिए. लंबी छुट्टी पर भेजो.
बहस इस बात पर भी होनी चाहिए कि किसी खिलाड़ी के लिए कितनी फ़िटनेस की ज़रुरत है. कहीं कोहली और आज के युवा ज़्यादा व्यायाम तो नहीं कर रहे. कपिल देव जैसे खिलाड़ी ने 16 साल के अपने करियर में फ़िटनेस की वजह से एक भी टेस्ट नहीं गंवाया. उस दौर के खिलाड़ी न तो इतने जिम जाते थे और न ही टीम में फ़िजियो जैसा कोई होता था. क्या लगातार और बहुत ज़्यादा क्रिकेट से खिलाड़ी समय से पहले थक जा रहे हैं.
आईपीएल में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाला बल्लेबाज़ विराट कोहली इस बार अपनी टीम बैंगलोर का कप्तान भी नहीं है. टीम पहले से बेहतर कर रही है लेकिन विराट कोहली का प्रदर्शन फ़ीका रहा है.
अब तक 7 मैचों में 19.83 की औसत 119 रन ही बना पाए हैं. इस सीजन एक भी अर्धशतक नहीं बना पाए हैं. उनका सबसे बड़ा स्कोर रहा है 48 रन.
लखनऊ के ख़िलाफ़ पिछले मैच में कोहली गोल्डन डक पर आउट हो गए यानी पहली ही गेंद पर विकेट गंवा दिया. कोहली 5 साल बाद आईपीएल में शून्य पर आउट हुए. इस सीजन 2 बार रन आउट भी हो चुके हैं. स्टार स्पोर्ट्स चैनल पर कमेंटरी के दौरान पूर्व भारतीय कोच रवि शास्त्री ने कमेंटरी के दौरान कहा
"मैं सीधे मुख्य खिलाड़ी पर आ रहा हूं. विराट ज़्यादा पक चुके हैं. अगर किसी को आराम की ज़रूरत है तो वह विराट कोहली है. डेढ़ महीने या दो महीने जो भी हो, इंग्लैंज सीरीज़ के पहले हो या बाद में हो, उसे ब्रेक चाहिए. अगले 6-7 साल तक खेल सकते हैं मगर इसके लिए ब्रेक लेना होगा. ब्रेन फ़्राई कर उसे खोया नहीं जाना चाहिए."
शास्त्री का कहना है कि कोहली को सावधानी के साथ हैंडल किए जाने की ज़रूरत है. वहीं इंग्लैड के पूर्व कप्तान केविन पीटरसन तो कोहली को 6 महीने की छुट्टी पर भेजना चाहते हैं.
"इस व्यक्ति का निजी ज़िंदगी में बहुत कुछ देखना पड़ा है. शादी फिर बच्चा और मीडिया की समीक्षा... तमाम चीज़ों से गुज़रना पड़ा है. क्रिकेट का सबसे बड़ा सितारा है. कोहली को खुद को कहने की ज़रुरत है-बहुत हुआ क्रिकेट. अब 6 माहीने के लिए आराम. सोशल मीडिया से दूर रहे और नई ऊर्जा के साथ वापसी करे."
17 टेस्ट, 21 वनडे, 25 T20 और आईपीएल के 37 मैचों को मिलाकर 100 मैचों में कोई शतक नहीं है. आपको शायद याद हो, 2017 में बैंगलोर टेस्ट के दौरान डीआरएस लेते समय स्टीवन स्मिथ ने "ब्रेन फ़ेड" की बात कही थी. तब कप्तान विराट कोहली ने काफ़ी हंगामा मचाया था. समय का चक्र देखिए. कोहली का "ब्रेन फ़ेड" तो नहीं हुआ है लेकिन "ब्रेन फ़्राइड" ज़रूर हो गया है.
संजय किशोर NDTV इंडिया के स्पोर्ट्स एडिटर हैं...
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