क्या हो गया है चेन्नई सुपर किंग्स (Chennai Super Kings,) को. टूर्नामेंट की सबसे कामयाब टीम इस बार संघर्ष कर रही है. IPL 2022 में चेन्नई ने बेहद ख़राब शुरुआत की है. इस साल से महेंद्र सिंह धोनी की जगह टीम की बागडोर संभाल रहे हैं रविन्द्र जडेजा. टीम पहले तीन मैच हार गयी है. पीली जर्सी वाली टीम अपने गौरवशाली इतिहास की धुंधली छाया नज़र आ रही है. चेन्नई की टीम ने 64 फ़ीसदी मैच जीते हैं. 11 बार टीम प्ले ऑफ़ में पहुंची है. 9 बार फ़ाइनल और 4 बार ख़िताब पर कब्ज़ा किया है. इस बार तो पहले ही तीन मैच में हार की हैट-ट्रिक लग गयी है. इससे पहले चेन्नई पहला 2 मैच भी कभी नहीं हारा था. पिछले सीजन भी चेन्नई की टीम लगातार 3 मैच हारी थी. लेकिन पहले 3 मैच नहीं हारी थी. प्ले ऑफ़ के पहले 3 मैच हारी और आख़िर में चैंपियन बनने में भी कामयाब रही.
बाक़ी टीमें जहां टॉस जीतने के बाद मैच भी जीत रही हैं तो चेन्नई की टीम टॉस जीत कर भी मैच हार रही है. पंजाब के सामने टीम 20 ओवर तक भी नहीं टिक पायी. मौजूदा चैंपियन टीम 18वें ओवर में 126 रन पर ही ऑल आउट हो गयी. 54 रनों से हार हुई. ये चेन्नई की टूर्नामेंट में दूसरी सबसे बड़ी हार है. कप्तान रवींद्र जडेजा का कहना है कि टीम को दीपक चहर की कमी खल रही है. दीपक चाहर टूर्नामेंट के सबसे महंगे गेंदबाज़ हैं. उन्हें चेन्नई में 14 करोड़ में ख़रीदा था. लेकिन चाहर फ़िट नहीं है. वे अप्रैल के आख़िरी हफ़्ते में ही टीम में शामिल हो पाएंगे. लेकिन डर है कि तब तक टीम की स्थिति साल 2020 की तरह न हो जाए. 2020 में चेन्नई ने 14 में से सिर्फ 6 मैच जीते थे और प्ले ऑफ़ तक भी नहीं पहुंच पाए थे. टीम सातवें नंबर पर रही थी. ये 4 बार की चैंपियन का चेन्नई का आज तक का सबसे ख़राब प्रदर्शन था.
लेकिन सवाल है कि क्या एक खिलाड़ी के नहीं रहने से किसी टीम की हालत इतनी बुरी हो सकती है. वैसे T20 फ़ॉर्मेट में कई बार एक खिलाड़ी का चलना भी जीत की पटकथा तैयार कर देता है. टीम को अनुभवी सुरेश रैना की कमी खल रही है. विराट कोहली, शिखर धवन और रोहित शर्मा के बाद IPL में सबसे ज़्यादा रन रैना के ही नाम हैं. रैना ने चेन्नई के लिए 205 मैच खेले, 200 पारियों में 33.10 की औसत से 5528 रन बनाए. चेन्नई की टीम हमेशा से अनुभवी खिलाड़ियों पर निर्भर रही है और इन्होने कभी निराश भी नहीं किया था. मगर अब चेन्नई के प्रबंधन को समझना चाहिए कि उनके अनुभवी खिलाड़ी अब उम्रदराज हो चुके हैं. टीम ने नीलामी के पहले रविन्द्र जडेजा, महेंद्र सिंह धोनी, ऋतुराज गायकवाड़ और मोईन अली को रिटेन किया था.
34 साल के ऑलराउंडर मोईन अली उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे हैं. रॉबिन उथप्पा और अंबाती रायडू 36-36 साल के हो चुके हैं और ख़ुद धोनी 40 साल के हैं. वैसे भी T20 युवाओं को खेल माना जाता है. चेन्नई अब तक इसे झुठलाती रही है. मगर अब शायद ऐसा नहीं कर पाए. इस बार सबसे बड़ा दांव ईशान किशन पर यों ही नहीं लगा. वैसे कुछ जानकार ये भी कह रहे हैं कि महेंद्र सिंह धोनी के रहने से रविन्द्र जडेजा खुल कर फ़ैसले नहीं ले पा रहे हैं. उनके साए से नहीं निकल पा रहे हैं. धोनी ही वर्चुअल कप्तान बने हुए हैं. इसका नुकसान भी टीम को हो रहा है.