This Article is From May 18, 2023

मंत्रिपरिषद में फेरबदल, एक तीर से दो निशाने

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Akhilesh Sharma

आज सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उस समय हैरान कर दिया, जब उन्होंने कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू को इस महत्वपूर्ण मंत्रालय से हटा कर एक लो प्रोफाइल भूविज्ञान मंत्रालय की जिम्मेदारी दे दी. उनकी जगह राजस्थान बीजेपी के बड़े दलित चेहरे अर्जुन राम मेघवाल को कानून और न्याय मंत्रालय में राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार की जिम्मेदारी सौंपी.

इसी के साथ मंत्रिपरिषद विस्तार की अटकलों को भी विराम लग गया है.

रिजिजू को हटाने के फैसले को न्यायपालिका और सरकार के बीच टकराव से जोड़ा जा रहा है वहीं आज के इस फैसले को इस साल होने वाले चार राज्यों के विधानसभा चुनावों से जोड़ कर भी देखा जा रहा है. इसका कारण है कि राजस्थान के बीकानेर से सांसद अर्जुन राम मेघवाल का प्रमोशन जो कि अभी तक संसदीय कार्य मंत्रालय और संस्कृति मंत्रालय में बतौर राज्य मंत्री काम कर रहे थे. जमीन से जुड़े मेघवाल पार्टी के लिए अन्य राज्यों में भी काम कर चुके हैं. उन्हें पुड्डुचेरी और उत्तर प्रदेश के ब्रज क्षेत्र में चुनावों की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. दोनों ही जगहों पर बीजेपी को सफलता हासिल हुई थी.

इसी साल के अंत में मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के विधानसभा चुनाव होने हैं. पिछले साल जुलाई में हुए मंत्रिपरिषद विस्तार में काफी हद तक इन राज्यों की नुमाइंदगी सुनिश्चित कर दी गई थी. इसी तरह कर्नाटक और गुजरात विधानसभा चुनावों के हिसाब से भी तब इन राज्यों के नेताओं को मंत्रिपरिषद में जगह दी गई थी.

उदाहरण के तौर पर मध्य प्रदेश से पांच, राजस्थान से चार, तेलंगाना से एक और छत्तीसगढ़ से एक मंत्री मोदी सरकार में है. 

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मध्य प्रदेश में पांच में से तीन कैबिनेट नरेंद्र सिंह तोमर, वीरेंद्र सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया हैं. जबकि प्रह्लाद पटेल राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार और फग्गन सिंह कुलस्ते राज्य मंत्री हैं. इसी तरह तेलंगाना से जी किशन रेड्डी कैबिनेट मंत्री बनाए गए थे. छत्तीसगढ़ से रेणुका सिंह सरुता राज्य मंत्री हैं. राजस्थान से दो कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र यादव और गजेंद्र सिंह शेखावत हैं. जबकि दो राज्य मंत्री अभी तक थे – अर्जुन राम मेघवाल और कैलाश चौधरी. अब राजस्थान चुनाव को देखते हुए अर्जुन राम मेघवाल का प्रमोशन कर उन्हें राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार बनाते हुए कानून तथा न्याय मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है.

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यह राजस्थान की जनता को बड़ा संदेश है. राजस्थान में विधानसभा की 200 तथा लोक सभा की 25 सीटें हैं. बीजेपी राजस्थान में सामूहिक नेतृत्व को बढ़ाते हुए जातिगत समीकरणों को साध रही है. 

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कर्नाटक में हार के बाद प्रदेश के नेताओं को महत्व देने का निर्णय किया गया है. अभी राजस्थान में बीजेपी के वसुंधरा राजे, गजेंद्र सिंह शेखावत, सतीश पूनिया, सी पी जोशी, राजेंद्र राठौड़ और अर्जुन राम मेघवाल जैसे नेता हैं जो राज्य के अलग-अलग समुदायों का प्रमुख चेहरा हैं. 

गौरतलब है कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में बाबा साहब भीमराव आंबेडकर के बाद कोई अन्य कानून और न्याय मंत्री नहीं बनाया गया था. अर्जुन राम मेघवाल को यह जिम्मेदारी देकर अनुसूचित जाति वर्ग को भी एक बड़ा संदेश दिया गया है.

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(अखिलेश शर्मा NDTV इंडिया के एग्जीक्यूटिव एडिटर (पॉलिटिकल) हैं)

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) :इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं.

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