- बिहार के छपरा विधानसभा सीट पर भाजपा की छोटी कुमारी ने भोजपुरी सुपरस्टार खेसारी लाल यादव को हराया है
- छोटी कुमारी की जीत ने स्थानीय पहचान और ग्राउंड लेवल काम की अहमियत चुनाव में साबित कर दी है
- भाजपा ने 2020 के विधायक डॉ. सी.एन. गुप्ता का टिकट काटकर छोटी कुमारी को चुनाव लड़ाया और वे विजयी रहीं
बिहार चुनाव 2025 का सबसे रोमांचक और चौंकाने वाला नतीजा छपरा सीट से सामने आया है. जहां एक ओर भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार खेसारी लाल यादव का स्टारडम था, वहीं दूसरी ओर भाजपा की युवा और ज़मीनी नेता छोटी कुमारी थीं. और नतीजा यह रहा कि छोटी कुमारी ने खेसारी लाल यादव को हराकर इस सीट को पूरे बिहार में चर्चा का विषय बना दिया है.
स्टारडम vs ज़मीनी पहचान: क्यों हारे खेसारी?
छपरा सीट पर छोटी कुमारी की यह जीत इसलिए भी खास है क्योंकि उन्होंने एक सेलेब्रिटी उम्मीदवार को मात दी है. छोटी कुमारी की जीत ने यह साबित किया कि चुनाव में ग्राउंड लेवल पर काम और स्थानीय पहचान किसी भी बड़े स्टारडम से ज़्यादा मायने रखती है.
कौन हैं छोटी कुमारी, जिन्होंने भाजपा को दिलाई प्रतिष्ठा वाली जीत?
छपरा सीट को पिछले 15 सालों से भाजपा का गढ़ माना जाता रहा है. 2020 में विधायक रहे डॉ. सी.एन. गुप्ता का टिकट काटकर भाजपा ने जिस छोटी कुमारी पर भरोसा जताया, उन्होंने पार्टी की उम्मीदों पर खरी उतरते हुए यह प्रतिष्ठित सीट फिर से जीत ली.
35 वर्षीय छोटी कुमारी राजनीति में एकदम नई हैं और यह उनका पहला विधानसभा चुनाव था. वह पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष रह चुकी हैं और सामाजिक सेवा के क्षेत्र में सक्रिय रही हैं. उनकी शिक्षा 12th पास है और उन्होंने अपनी संपत्ति लगभग ₹1.4 करोड़ घोषित की है.
उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है, जो उन्हें एक स्वच्छ छवि वाली नेता बनाता है. खेसारी लाल यादव को हराकर छोटी कुमारी ने न सिर्फ भाजपा को छपरा की सीट दिलाई है, बल्कि पार्टी के लिए भविष्य की नई रोडमैप भी तय कर दी है. यह जीत युवा, ज़मीनी और स्वच्छ राजनीति की एक नई मिसाल पेश करती है.













