- चिराग पासवान ने एनडीए में सीटों को लेकर बीजेपी पर दबाव डालने के आरोपों को स्पष्ट रूप से खारिज किया.
- उन्होंने कहा कि वे अपने कार्यकर्ताओं की सीटों के लिए आवाज उठा रहे थे. सीटों की प्राथमिकता पर लंबी बातचीत चली.
- चिराग ने बताया कि बीजेपी 100 से कम सीटों पर चुनाव लड़ती ये बात उनको बिल्कुल भी मंजूर नहीं थी.
बिहार में एनडीए का हिस्सा और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने एनडीटीवी को दिए खास इंटरव्यू में NDA पर सीटों के लिए दबाव डालने वाले उन आरोपों लगे आरोपों का जवाब दिया. बीजेपी पर सीटों पर प्रेशर डालने की बात को चिराग ने घुमाफिरा कर जवाब दिया.उन्होंने कहा कि दबाव डालने वाले आरोपों के बारे में तो भगवान ही जाने.उनको नहीं पता कि ये सब खबरें कहां से आईं.चिराग ने कहा कि वह अपने कार्यकर्ताओं की सीटों के लिए लड़ रहे थे.
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बीजेपी 100 से कम सीटों पर लड़ती ये मंजूर नहीं था
चिराग ने कहा कि उन्होंने प्राथमिकता की सीटों पर लंबी बातचीत जरूर की थी.लेकिन सीटों की संख्या बहुत जल्दी और बहुत ही आसान तरीके से तय हो गई थी.चिराग ने कहा कि उन्होंने एनडीए को बहुत ही लॉजिकल फॉर्मूला दिया था.अगर बीजेपी 100 से कम सीटों पर चुनाव लड़ती तो ये बात उनको भी अच्छी नहीं लगती.
LJP के लिए 40-42 सीटें ही बचतीं
चिराग ने कहा कि हम लोग गठबंधन के भीतर चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. मैं गठबंधन के भीतर 29 सीटें जीतकर क्या करूंगा, मुझे 29 सीटें विधानसभा में जीतनी हैं.मेरा चुनाव गठबंधन के भीतर नहीं था. मेरे प्रधानमंत्री की पार्टी कम सीटों पर लड़े ये मुझे स्वीकार नहीं था.100 पर ये लड़ते, 102-3 पर जेडीयू लड़ता ही. तो हम लोगों के लिए 40-42 सीटें ही बचतीं.
29 सीटें मिलना मेरे लिए शुभ संकेत
चिराग ने कहा कि उन्होंने बहुत ही सिंपल फॉर्मूला रखा था कि पर लोकसभा विधानसभा तय कर दीजिए और उसी हिसाब से सीटें बांट दीजिए.तो आंकड़ा आया छह का.6-6 उपेंद्र और मांझी को गईं.मुझे 30 मिलनी थीं, लेकिन मेरी 1 सीट कट गई तो मेरे हिस्से में 29 सीटें आईं.ये भी मेरे लिए शुभ संकेत था. चिराग ने बताया कि आज से 20 साल पहले मेरे पिता ने 29 सीटें जीती थीं. इस बार मुझे 29 सीटें लड़के का मौका मिला है.













