बिहार के बेगूसराय जिले में शनिवार को बरौनी जंक्शन स्टेशन पर ट्रेन की शंटिंग करने के दौरान इंजन और एक कोच के बफर के बीच फंस जाने से एक रेलवे कर्मचारी की मौत हो गई. रेलवे ने इस घटना की प्रारंभिक जांच में पाया है कि स्टेशन पर शंटिंग ऑपरेशन के दौरान दो पॉइंटमैन के बीच "खराब समन्वय" के कारण कर्मचारी अमर कुमार की कुचलकर मौत हुई. रेलवे ने सीसीटीवी फुटेज और गवाहों के बयानों की जांच करने के बाद पॉइंटमैन मोहम्मद सुलेमान को लोको शंटर को गलत सिग्नल देने के लिए जिम्मेदार ठहराया.
बफर ट्रेन के इंजन और कोच के दोनों सिरों पर लगा रहने वाला एक उपकरण है जो झटके से बचाता है. बफर को बोगियों के बीच टकराव के प्रभाव को कम करने के लिए तैयार किया जाता है.
बताया जाता है कि 9 नवंबर को सुबह 8.10 बजे 15204 लखनऊ-बरौनी ट्रेन स्टेशन पर प्लेटफॉर्म नंबर पांच पर पहुंची. इसके बाद सुलेमान और अमर कुमार को इंजन को अलग करने के लिए भेजा गया. पांच रेलवे अधिकारियों द्वारा हस्ताक्षरित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस काम के दौरान अमर कुमार इंजन और पावर कार के बीच फंस गए, क्योंकि पहले लोको पायलट को गलत संकेत दिए गए थे.
घटना के बाद वहां मौजूद लोगों के शोर मचाने के बाद इंजन को रिवर्स करने या दुर्घटना को रोकने में वह विफल रहा ट्रेन ड्राइवर कथित तौर पर ट्रेन से उतर गया और घटनास्थल से भाग गया. लगभग दो घंटे बाद इंजन और पावर कार को अलग किया गया और शव को बाहर निकाला गया.
समस्तीपुर जिले के रहने वाले 25 साल के अमर कुमार के परिवार ने सुलेमान के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है. हालांकि सुलेमान ने अपने लिखित बयान में खुद का बचाव किया है और दुर्घटना के लिए लोको ड्राइवर को जिम्मेदार ठहराया है. उसने कहा है कि उसने और अमर कुमार ने सेंटर बफर कपलर को अलग करके इंजन और पावर कार को डिस्कनेक्ट किया था.
उसने कहा कि इंजन पावर कार से थोड़ा दूर चला गया और जब अमर कुमार बफर कपलर को बंद करने गए तो ड्राइवर ने उनके (सुलेमान) हाथ के इशारे के बिना ही इंजन को पीछे कर दिया.
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, इस मामले में एक अन्य उच्च स्तरीय जांच के भी आदेश दिए गए हैं.