बिहार विधानसभा चुनाव के दो चरणों का मतदान पूरा हो चुका है. अब सभी को इंतजार है 14 नवंबर को आने वाले नतीजों का. सर्वे की मानें तो इस विधानसभा चुनाव में वोटर्स का झुकाव एक बार फिर जाति और धार्मिक आधार पर गहराई से ध्रुवीकृत दिख रहा है. Votevibe's के सर्वे के मुताबिक, बीजेपी-जेडीयू गठबंधन (NDA) और महागठबंधन (MGB) दोनों के वोट बैंक अपने-अपने सामाजिक समूहों में लगभग तय हो चुके हैं.
NDA को सवर्ण और ओबीसी का मजबूत साथ
सर्वे के आंकड़े बताते हैं कि NDA को सामान्य वर्ग यानी सवर्ण मतदाताओं का करीब 64% समर्थन मिल रहा है.इसके अलावा एससी-एसटी समुदाय से 59.8% लोग NDA के समर्थन में हैं, जबकि ओबीसी और ईबीसी में भी 57.5% वोट शेयर NDA के पक्ष में जाता दिख रहा है.
महागठबंधन को यादव-मुस्लिम में भारी बढ़त
तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले महागठबंधन को दो पारंपरिक समूहों में जबरदस्त बढ़त मिली है. मुस्लिम मतदाता लगभग 79.1% के साथ महागठबंधन के साथ हैं, जबकि यादव समुदाय के 74.5% लोग महागठबंधन पर भरोसा जता रहे हैं. यह जातिवर्ग गठबंधन का कोर वोट बैंक बना हुआ है, जो कई सीटों पर निर्णायक साबित हो सकता है.
जन सुराज पार्टी बनी 'स्पॉइलर फैक्टर'
पूर्व चुनाव रणनीतिकार और अब राजनीति में एंट्री कर चुके प्रशांत किशोर ने भी इस चुनाव में पूरी ताकत झोंक दी. उनकी जन सुराज पार्टी ने सभी सामाजिक समूहों में 4 से 8 फीसदी तक का स्थायी वोट शेयर हासिल किया है. वैसे तो यह आंकड़ा बहुत बड़ा नहीं दिख रहा है, लेकिन करीबी मुकाबलों में यह वोटर किसी भी दल का खेल बिगाड़ सकता है.
सर्वे का आधार क्या?
आपको बता दें कि यह सर्वे CATI पद्धति (कंप्यूटर-असिस्टेड टेलीफोन इंटरव्यू) के ज़रिए किया गया है. इसमें करीब 20,000 लोगों की राय ली गई है. जिनमें ग्रामीण और शहरी मतदाताओं का अनुपात 80:20 और पुरुष-महिला अनुपात 60:40 रहा है. सामाजिक समूहों के हिसाब से सैंपल जनरल 15%, मुस्लिम 20%, एससी-एसटी 20%, ओबीसी 45% रहा.














