क्या उपेंद्र कुशवाहा की नाराजगी मोल ले पाएगी NDA? बिहार चुनाव में पिछली बार इन 20 सीटों पर बिगाड़ा था समीकरण!

Bihar Election: उपेंद्र कुशवाहा की नाराजगी दूर करने के लिए बीजेपी सक्रिय हो गई है. उन्होंने खुद सोशल मीडिया पोस्ट कर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह संग बैठक करने की जानकारी दी है.

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upendra Kushwaha
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  • बिहार में एनडीए में सीट बंटवारे के बाद उपेंद्र कुशवाहा नाराज बताए जाते हैं. उन्हें मनाने की कोशिशें जारी हैं
  • उपेंद्र कुशवाहा ने महुआ विधानसभा सीट वापस लिए जाने से कड़ी नाराजगी जताई है
  • कुशवाहा ने अपने नेताओं को पटना में बैठक के लिए बुलाया था लेकिन बाद में दिल्ली जाकर चर्चा की बात कही
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पटना:

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा उपचुनाव को लेकर एनडीए में सीटों के बंटवारे का ऐलान हो चुका है, लेकिन अभी भी सियासी हलचल तेज है. अब नया मामला उपेंद्र कुशवाहा का है, जो अब एनडीए से नाराज हो गए हैं. उपेंद्र कुशवाहा को मनाने के लिए देर रात कोशिशें होती रही लेकिन वे नहीं माने. उन्हें मनाने के लिए डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, भाजपा नेता नित्यानंद राय, नितिन नवीन और ऋतुराज सिन्हा पहुंचे थे, लेकिन बात नहीं बनी. भाजपा नेता जब उपेंद्र कुशवाहा के घर से निकले तो मीडिया से बात नहीं की. हाथ जोड़ते बाहर आ गए.

उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि नथिंग इज वेल इन एनडीए. उपेंद्र कुशवाहा ने अब अपने नेताओं को पटना बैठक के लिए बुला लिया था. हालांकि बाद में उन्होंने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ चर्चा के लिए वो नित्यानंद राय के साथ दिल्ली जा रहे हैं. ऐसे में पटना की बैठक स्थगित की गई है. 

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सीटों को बदले जाने से नाराज
सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, उपेंद्र कुशवाहा अपनी सीटों को बदले जाने से नाराज हैं. उनके खाते में आई महुआ सीट पर लोजपा ने दावा ठोक दिया था. इसके बाद से वे खासे नाराज हैं. उपेंद्र कुशवाहा को मधुबनी, उजियारपुर, बाजपट्टी, महुआ, दिनारा और महुआ सीट मिली थी. इसमें से महुआ सीट वापस ले ली गई. जिससे उपेंद्र कुशवाहा खासा नाराज हैं. उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं को एनडीए के किसी भी उम्मीदवार के नामांकन में जाने से मना कर दिया है.

पिछले तीन चुनाव से हर बार पाला बदला
उपेंद्र कुशवाहा 2010 में जदयू में थे, 2015 का चुनाव भाजपा के साथ लड़ा और 2020 में तीसरा मोर्चा बनाया था. 2020 में उन्होंने 99 सीटों पर चुनाव लड़ा और 1.77 फीसदी वोट हासिल किए. वे खुद 1 भी सीट नहीं जीते लेकिन उन्होंने एनडीए को 13 सीटों पर चुनाव हरा दिया. इसलिए इस बार एनडीए ने उन्हें अपने साथ रखने की पूरी कोशिश की लेकिन बात बनती हुई नहीं दिख रही.

कुशवाहा वोट महत्वपूर्ण
बिहार की आबादी में 4.21% कुशवाहा हैं. उपेंद्र कुशवाहा इस जाति के बड़े नेता माने जाते हैं, जो पारंपरिक रूप से एनडीए का वोटर माना जाता है. लेकिन लोकसभा चुनाव में कुशवाहा वोटरों ने जो हलचल दिखाई, उसने एनडीए को डरा दिया. कुशवाहा वोटरों ने कई सीटों पर एनडीए के खिलाफ इंडिया अलायंस को वोट किया. इसी का परिणाम था कि लोकसभा चुनाव में तीसरे नंबर पर रहने के बावजूद उपेन्द्र कुशवाहा को भाजपा ने राज्यसभा भेज कर कुशवाहा वोटरों को रिझाने की कोशिश की. लेकिन अब उनकी नाराजगी से एनडीए को मगध और शाहाबाद के क्षेत्र में मुश्किल हो सकती है.

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वे 20 सीटें जहां कुशवाहा बड़ा फैक्टर
बिहार में ऐसी 20 सीटें हैं, जहां उपेंद्र कुशवाहा समीकरण बिगाड़ सकते हैं. सुगौली, बाजपट्टी, बेलसंड, कुढ़नी, सिवान, बड़हरिया, महाराजगंज, बखरी, भागलपुर, धोरैया, इस्लामपुर, बक्सर, मोहनिया, भभुआ, दिनारा, गोह, नबीनगर, बोधगया, अतरी, सिकंदरा.

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