चुनावी रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर केंद्र सरकार से राज्य के लिए ठोस लाभ सुनिश्चित करने में विफल रहने का आरोप लगाया है. प्रशांत किशोर ने रविवार को कहा कि केंद्र में सत्ता बरकरार रखने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नीतीश कुमार पर निर्भर होने के बावजूद वह राज्य के लिए ठोस लाभ सुनिश्चित करने में विफल रहे हैं.
किशोर ने जनता दल(यूनाइटेड) के प्रमुख नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया,‘‘ बजाय इसके कि वे राज्य को औद्योगिक रूप से पुनर्स्थापित करने के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते, केंद्रीय मंत्रिमंडल में केवल अपनी पार्टी को बेहतर हिस्सेदारी मिलने को लेकर चिंता करने और राज्य स्तर पर विरोधियों से बदला लेने के लिए सहयोगी दल भाजपा को इस्तेमाल करने में लगे हुए हैं.''
किशोर ने करीब दो साल पहले शुरू किए गए अपने 'जन सुराज' अभियान को लेकर आयोजित एक समारोह के बाद यह बात कही. उनका 'जन सुराज' अभियान इस साल दो अक्टूबर को एक राजनीतिक पार्टी का स्वरूप लेने जा रहा है. जद(यू) के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किशोर ने दावा किया कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा बहुमत से दूर थी और अपने सहयोगियों, विशेष रूप से जद(यू) और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की पार्टी तेलुगु देशम पार्टी पर निर्भर हो गई थी, लेकिन नीतीश कुमार इसका लाभ उठाने की बजाय प्रतिशोध की राजनीति करने में लीन हैं. किशोर को अनुशासनहीनता के आरोप में जद(यू) से निष्कासित कर दिया गया था.
किशोर ने दावा किया, 'हम जीतेंगे. बिहार के लोग नीतीश, भाजपा और राजद द्वारा उन्हें मजबूर किए गए दुष्चक्र से तंग आ चुके हैं. दो अक्टूबर को एक करोड़ लोग मिलकर नयी पार्टी बनाएंगे. इतिहास में पहली बार होगा कि इतने सारे लोग मिलकर किसी पार्टी की स्थापना करेंगे.' उन्होंने उन सुझावों को भी खारिज कर दिया कि बिहार जैसे राज्य में ठोस जातिगत आधार की कमी एक बाधा हो सकती है. किशोर ने कहा कि राज्य विधानसभा के उपचुनावों में जन सुराज के समर्थन वाले कई उम्मीदवार जीते हैं.