"जो मंदिरों में घंटी बजाते थे ...": योगी आदित्यनाथ पर बिहार के मंत्री का कटाक्ष

बिहार के राजस्व मंत्री आलोक मेहता ने शनिवार को कहा, "जो लोग मंदिरों में घंटी बजाते थे, वे अब शक्तिशाली पदों पर आसीन हैं, उदाहरण के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ही लीजिए."

विज्ञापन
Read Time: 10 mins
बिहार के मंत्री आलोक मेहता ने योगी आदित्यनाथ पर व्यंग्य किया है (फाइल फोटो).
भागलपुर:

रामचरितमानस पर बिहार के शिक्षा मंत्री की टिप्पणी पर विवाद अभी थमा नहीं है और वहीं के एक और मंत्री आलोक मेहता ने शनिवार को ब्राह्मणों और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ व्यंग्यात्मक टिप्पणी करते हुए कहा कि जो मंदिरों में घंटियां बजाने वाले थे... अब राज्य पर शासन कर रहे.

बिहार के भागलपुर जिले में एक जनसभा में राज्य के राजस्व मंत्री आलोक मेहता ने शनिवार को कहा, "जो लोग मंदिरों में घंटी बजाते थे, वे अब शक्तिशाली पदों पर आसीन हैं. उदाहरण के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ही लें."

इसके अलावा उच्च जाति समुदायों को निशाना बनाते हुए मंत्री ने कहा कि, देश की 10 प्रतिशत आबादी, जो ब्रिटिश राज की एजेंट हुआ करती थी, अब शेष 90 प्रतिशत वंचित और पिछड़े समुदायों पर अपना अधिकार चला रही है.

मेहता ने दावा किया, "हमारी आबादी का नब्बे प्रतिशत, जिसका प्रतिनिधित्व (बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री) जगदेव बाबू करते थे, का पहले ब्रिटिश राज ने और फिर उनके एजेंटों ने शोषण किया था. यह वे लोग थे जिन्हें जिन्हें जगदेव बाबू 10 प्रतिशत कहते थे."

इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया सामने आई तो मंत्री ने सफाई दी.,

एक व्यक्तिगत वीडियो में मेहता ने कहा कि, जगदेव बाबू ने जिन 10 प्रतिशत के बारे में बात की, वे किसी विशेष जाति के लोग नहीं हैं, बल्कि एक ऐसे वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो पिछड़े वर्गों का शोषण करता रहा है और यह प्रथा आज भी जारी है.

इससे पहले बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने अपने बयान में रामायण पर आधारित तुलसीदास रचित महाकाव्य रामचरितमानस को विभाजनकारी और समाज में नफरत फैलाने वाला बताकर विवाद खड़ा कर दिया था.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Ranji Trophy News: Rohit Sharma, Shubman Gill, Rishabh Pant जैसे स्टार Flop क्यों?