- बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 3.75 करोड़ से अधिक मतदाताओं में 64.66 प्रतिशत ने मतदान किया
- तेजस्वी यादव ने बीजेपी पर हमला करते हुए मोकामा में बढ़ते अपराधों पर चुप्पी साधने का आरोप लगाया है
- तेजस्वी ने अपने कार्यकाल में पर्यटन नीति बनाई और 700 गैरहाजिर डॉक्टरों को बर्खास्त करने का दावा किया है
बिहार विधानसभा के लिए पहले चरण का मतदान हो चुका है. जहां 3.75 करोड़ से अधिक मतदाताओं में से 64.66 प्रतिशत ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया, जो राज्य में ‘‘अब तक का सबसे ज्यादा'' मतदान प्रतिशत है. बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण का मतदान होने पर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने NDTV के एडिटर इन चीफ राहुल कंवल से एक्सक्लूसिव बातचीत में कई सवालों के जवाब दिए. इस दौरान तेजस्वी ने बीजेपी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि पीएम मोदी 30-35 साल पुरानी बातें करते हैं लेकिन मोकामा में जो हाल ही में हुआ, उस पर चुप्पी साध लेते हैं. तेजस्वी ने एनसीआरबी डेटा का हवाला देते हुए कहा कि मोकामा में अपराध का स्तर काफी ऊंचा है और जनता अब बीजेपी के प्रोपेगेंडा को ‘बाय' (खरीद) नहीं करती.
2020 से अब तक तेजस्वी में क्या बदला?
तेजस्वी यादव ने कहा कि मुद्दे वही हैं, लेकिन इस बार अनुभव और काम का रिकॉर्ड उनके साथ है. उन्होंने बताया कि 17 महीने की सरकार में उन्होंने टूरिज्म को लेकर पॉलिसी बनाई, राज्य में जातिगत सर्वे कराया और 700 डॉक्टरों को बर्खास्त किया जो 12 साल से ड्यूटी पर ही नहीं आ रहे थे. साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि वे डीजीआईएम की बैठक में नहीं जाते, इंवेस्टर मीट की बात तो छोड़ ही दीजिए. पीएम मोदी भी इंवेस्टर मीट केवल गुजरात में करते हैं.
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव
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बस बहुत हुआ बदलाव चाहिए
तेजस्वी ने आगे कहा कि पीएम मोदी क्या ऑफर दे रहे हैं बिहार को, अगले 5 साल में कुछ नहीं, 5 साल का प्लान है. बिहार के लिए एक चीनी मिल चालू नहीं करा पाए. हमने रीगा का चीनी मिल चालू कर दिया वो 11 साल से पीएम हैं और कुछ नहीं करा पाए. जनता ने तय कर लिया है कि उन्होंने एनडीए को काफी समय दिया, बस बहुत हुआ बदलाव चाहिए.
पहले चरण में रिकॉर्ड मतदान
आयोग ने यहां जारी एक बयान में कहा कि बिहार चुनाव का पहला चरण शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ और राज्य के इतिहास में ‘‘अब तक का सबसे अधिक 64.66 प्रतिशत मतदान'' दर्ज किया गया. पहले चरण में 18 ज़िलों के कुल 121 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान हुआ, जहां मतदाताओं की कुल संख्या 3.75 करोड़ से अधिक थी. साल 1951-52 में हुए पहले बिहार विधानसभा चुनावों के दौरान, राज्य के इतिहास में सबसे कम 42.6 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था. बिहार में इससे पहले सबसे ज्यादा 62.57 प्रतिशत मतदान 2000 में दर्ज किया गया था.
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कोविड में इतना फीसद हुआ था मतदान
कोविड-19 महामारी के साये में हुए 2020 के विधानसभा चुनावों में मतदान प्रतिशत 57.29 रहा था. 1951-52 में हुए पहले लोकसभा चुनावों में, बिहार में 40.35 प्रतिशत मतदान हुआ था, जो निम्नतम आंकड़ा है. राज्य में 1998 के संसदीय चुनावों में अब तक का सबसे अधिक 64.6 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था. अधिकारियों ने बताया कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने 1951 के बाद से विधानसभा चुनाव के पहले चरण में ऐतिहासिक मतदान के लिए बिहार के मतदाताओं को बधाई दी है. सीईसी ने आयोग में पूर्ण विश्वास व्यक्त करने और इतनी बड़ी संख्या में जोश और उत्साह के साथ मतदान करने के लिए मतदाताओं का धन्यवाद भी किया है.














