अंधे-बहरे-गूंगे, 9वीं फेल, जासूसी... बिहार में इन बयानों पर क्यों मचा है गदर?

Prashant Kishor-Tejashwi Yadav Statements: प्रशांत किशोर और तेजस्वी यादव के बयान इन दिनों बिहार को गरमाए हुए हैं. निशाने पर सबसे ज्यादा नीतीश कुमार ही हैं. मगर दोनों नेता एक-दूसरे पर भी जमकर हमले कर रहे हैं...

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बिहार में चुनाव से पहले ही राजनीतिक तापमान गरम हो चुका है.

Uproar In Bihar Politics : बिहार अभी चुनाव से दूर है, मगर राजनीति फिर भी चरम पर है. प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) तो पहले से ही यात्रा पर थे, अब तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) भी यात्रा पर निकल चुके हैं. इस बीच तीखी बयानबाजी भी बढ़ने लगी है. बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने राज्य में कथित तौर पर बिगड़ती कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर नीतीश कुमार (Nitish Kumar) सरकार पर निशाना साधते हुए सोमवार को यहां तक कह दिया कि प्रदेश में बढ़ते अपराध को लेकर मुख्यमंत्री ‘‘अंधे, बहरे और गूंगे हो चुके हैं. मुख्यमंत्री और भाजपा नेताओं को सत्तारूढ़ सरकार के संरक्षण में होने वाले अपराधों की कोई चिंता नहीं है... वे राज्य में अपराधियों को संरक्षण दे रहे हैं. प्रदेश में बढ़ते अपराध को लेकर मुख्यमंत्री अंधे, बहरे और गूंगे हो चुके हैं. उन्हें न तो कुछ दिखाई और सुनाई दे रहा है और न ही वे कुछ बोल पा रहे हैं. यह हकीकत है. नीतीश कुमार का इकबाल पूरी तरह से खत्म हो चुका है और उनसे बिहार संभाला नहीं जा रहा है.''

जासूसी का लगाया था आरोप

इससे पहले तेजस्वी यादव ने मधुबनी में नीतीश कुमार पर जासूसी करवाने का आरोप लगा दिया था. उन्होंने कहा था, "हमारी पार्टी की मीटिंग में सीआईडी और स्पेशल ब्रांच को नीतीश कुमार भेज रहे हैं. हमने मीटिंग में उनको पहले पत्रकार समझा, लेकिन वो फोटो या वीडियो लेने के बाद भी मीटिंग में मौजूद रहे. बाद में उनकी पहचान उजागर हुई. पार्टी की इंटरनल बैठक में मेरी निगरानी करवाई जा रही है." यहीं जब तेजस्वी यादव से कुछ संवाददाताओं ने प्रशांत किशोर के बार-बार उन्हें 9वीं फेल कहने पर सवाल पूछा तो तेजस्वी बोले, "हर चुनाव में कोई नया आदमी आ जाता है, और कुछ भी कहता रहता है. हम इस पर ध्यान नहीं देते हैं."

पैर पकड़ने लगे प्रशांत किशोर

सोमवार को मीडियाकर्मियों ने प्रशांत किशोर से तेजस्वी यादव के इस बयान पर सवाल पूछा कि क्या सच में नीतीश कुमार ने राबड़ी देवी और लालू यादव के पास जाकर हाथ जोड़कर सरकार बनाने के लिए सहयोग मांगा था जैसा तेजस्वी यादव दावा कर रहे हैं? तो प्रशांत किशोर ने कहा, "कौन किसका पैर छू रहा है या हाथ जोड़ रहा है, इसमें मेरी दिलचस्पी नहीं है. ये जरूर है कि पिछले 30 साल में इन दोनों नेताओं ने बिहार का सबसे ज्यादा नुकसान किया है. इसलिए मैं इन दोनों नेताओं के पैर पकड़ता हूं कि ये अब बिहार छोड़ दें, तभी राज्य का भला होगा." 

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विजय सिन्हा हो गए गरम

नीतीश कुमार पर ‘जासूसी' कराने के आरोप पर बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा (Vijay Kumar Sinha) ने तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा, “तेजस्वी यादव आपके माता-पिता के अलावा आपकी पहचान क्या है? आपके माता-पिता की आज तक जासूसी नहीं की गई. जनता के बीच आपकी क्या गतिविधियां हैं कि आपकी जासूसी होगी? यह सब बेकार की बातें हैं." बिहार के जल संसाधन मंत्री और जनता दल यूना‍इटेड (जदयू) के वरिष्ठ नेता विजय कुमार चौधरी (Vijay Kumar Choudhary) ने तेजस्वी के आरोप को नकारते और उनपर कटाक्ष करते हुए कहा, “अगर कोई जासूसी कर रहा है तो सतर्क रहना चाहिए.” तेजस्वी द्वारा बिहार में कानून व्यवस्था की स्थिति बदतर होने का आरोप लगाए जाने पर कहा, “आंकड़े बता रहे हैं कि विधि व्यवस्था की स्थिति में सुधार हो रहा. सुशासन की पहचान यही होती है कि अगर अपराध होता है, तो अपराधी कानून के हवाले होते हैं.”

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भ्रष्टाचार पर कसा तंज

जदयू के एक अन्य वरिष्ठ नेता और राज्य मंत्री अशोक चौधरी (Ashok Choudhary) ने कहा, “जासूसी उनकी कराई जाती है, जिसे डर और भय हो. हमारे नेता नीतीश कुमार ने 18 वर्षों के अपने शासनकाल के दौरान उनके पिताजी (लालू यादव) की तो जासूसी कराई नहीं. उनकी (तेजस्वी) जासूसी क्यों कराएंगे? हमारे नेता इस इन सब में विश्वास नहीं करते. जो लोग अखंड भ्रष्टाचार में डूबे रहते है, उन्हें हर तरफ भ्रष्टाचार ही नजर आता है.” इन बयानों से जाहिर है बिहार में हर दल विधानसभा चुनाव से पहले ही खुद को जनता के सामने योग्य साबित करने में जुटा हुआ है. प्रशांत किशोर की जन सुराज यात्रा के कारण भी चुनाव पूर्व ही माहौल चुनावी हो गया है.

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