पार्टी उतनी ही सख्ती दिखाएगी या नहीं? RJD विधायक के बदसलूकी मामले पर तेज प्रताप का सवाल

पंचायत सचिव संदीप ने पटना के एससी-एसटी थाने में आरजेडी भाई वीरेंद्र के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है.

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पटना:

RJD विधायक भाई वीरेंद्र पर एक अधिकारी को धमकाने और उनसे अपमानजनक भाषा का प्रयोग करने का आरोप है. RJD विधायक पर लगे आरोपों के बीच अब पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने इस मामले पर आरजेडी से सवाल पूछा है. तेज प्रताप ने न केवल इस घटना की आलोचना की, बल्कि पार्टी पर भी सवाल उठाए. तेज प्रताप ने कहा कि मुझे तो जयचंदों की साज़िश के तहत पार्टी से बाहर कर दिया गया... अब देखना है कि बवाल करने वालों पर भी पार्टी उतनी ही सख्ती दिखाएगी या नहीं? संविधान का सम्मान भाषणों में नहीं, आचरण में दिखना चाहिए. तेज प्रताप की यह टिप्पणी सीधे तौर पर भाई वीरेंद्र के उस कथित व्यवहार की ओर इशारा करती है, जिसमें उन्होंने एक दलित अधिकारी को अपशब्द कहे और जान से मारने की धमकी दी.

क्या है पूरा मामला?

इस मामले में पटना के SC-ST थाने में राजद विधायक भाई वीरेंद्र के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. शिकायतकर्ता संदीप कुमार, जो मनेर में पंचायत सचिव हैं. उन्होंने भाई वीरेंद्र आरोप लगाया कि विधायक ने उन्हें फोन पर गाली दी और जूतों से पीटने की धमकी दी. यह विवाद तब शुरू हुआ जब भाई वीरेंद्र ने एक समर्थक के परिजन का मृत्यु प्रमाण पत्र जल्द जारी करने के लिए फोन किया. संदीप कुमार ने कहा, ‘‘जब मैं विधायक को नाम से नहीं पहचान पाया, तो वे भड़क गए और मुझे जूतों से पीटने की धमकी दी. जब मैंने विरोध किया और उनसे कहा कि बुरा व्यवहार करने के बजाय उन्हें मेरा तबादला करवा देना चाहिए, तो उन्होंने कहा कि मेरा और भी बुरा हश्र होगा.''

बीजेपी ने भी आरजेडी को घेरा

कुमार और भाई वीरेंद्र के बीच तीखी बहस का एक ‘ऑडियो' क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि यह घटना इस बात का प्रमाण है कि राजद एक ऐसी पार्टी है, जो अराजकता को बढ़ावा देती है और ‘‘लोगों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आगामी विधानसभा चुनाव में उसे सत्ता में न आने दिया जाए.'' जब जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर से इस घटना के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘राजद ‘कट्टा' (बिना लाइसेंस वाला तमंचा) संस्कृति में विश्वास करती है. सत्ता में रहते हुए वे ऐसे ही थे. भाई वीरेंद्र का प्रकरण साबित करता है कि वे सुधरे नहीं हैं.''

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जब नैतिक मूल्यों को हवाला देकर तेज को निकाला

लालू प्रसाद यादव ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट लिखते हुए तेज प्रताप यादव को पार्टी और परिवार से निकालने की घोषणा की थीं. लालू प्रसाद यादव ने तब लिखा था कि निजी जीवन में नैतिक मूल्यों की अवहेलना करना हमारे सामाजिक न्याय के लिए सामूहिक संघर्ष को कमज़ोर करता है. तेज प्रताप की गतिविधि, लोक आचरण तथा गैर जिम्मेदाराना व्यवहार हमारे पारिवारिक मूल्यों और संस्कारों के अनुरूप नहीं है. नतीजतन उसे पार्टी और परिवार से दूर करता हूं. पार्टी और परिवार में उसकी किसी भी प्रकार की कोई भूमिका नहीं रहेगी. उसे पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित किया जाता है. अब बड़ा सवाल यह है कि क्या राजद अपने विधायक भाई वीरेंद्र पर भी वैसी ही सख्ती दिखाएगी जैसी उसने तेज प्रताप या अन्य नेताओं के मामलों में दिखाई है?

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