बिहार में 'स्पेशल 26'! युवाओं को नौकरी का झांसा देकर बनाया फर्जी पुलिस

ठगी का शिकार हुए पीड़ितों ने बताया कि बीते एक वर्ष से कसबा थाना क्षेत्र के नेमा टोल निवासी राहुल ने बताया कि  ग्राम रक्षा दल व दलपति में सिपाही व चौकीदार की सरकारी नौकरी दी जाएगी. इसके लिए 10 हजार रुपये जमा करना होगा.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
बिहार में फर्जी पुलिस बनाने का मामला आया सामने
पूर्णिया:

बिहार गजब है और यहां होने वाली वारदातें तो और भी अजब गजब होते हैं. ताजा मामला पूर्णिया जिले का है. जहां कुछ आरोपियों ने युवाओं को नौकरी का झांसा देकर ना सिर्फ उनसे पैसे ठगे बल्कि उन्हें फर्जी पुलिस बनाकर वाहनों की चेकिंग और शराब पकड़ने के लिए छापेमारी भी कराई. हैरान करने वाली बात तो ये है कि जिन युवाओं को पुलिस की वर्दी पहनाकर वाहनों की चेकिंग कराई जा रही थी उन्हें भी इस बात की जानकारी नहीं थी कि वो असली नहीं बल्कि फर्जी पुलिस हैं. वो ये मान बैठे थे कि उनकी नौकरी लग चुकी है. किसी को इस गैंग पर शक ना हो इसके आरोपियों ने बकायदा एक स्कूल में फर्जी पुलिस चौकी भी बनाई हुई थी. 

इस मामले का खुलासा तब हुआ जब ठगी के शिकार कई युवक-युवतियों ने मास्टरमाइंड राहुल कुमार साह के घर पहुंचकर दिए हुए रुपय वापस मांगे.इस बीच आरोपी राहुल कुमार साह फरार हो गया. राहुल द्वारा तीन सौ से ज्यादा युवक युवतियों से 10 से 15 हजार रूपये की वसूली की गई है। 

एक साल से अधिक समय से चल रहा था फर्जीवाड़ा

ठगी का शिकार हुए पीड़ितों ने बताया कि बीते एक वर्ष से कसबा थाना क्षेत्र के नेमा टोल निवासी राहुल ने बताया कि  ग्राम रक्षा दल व दलपति में सिपाही व चौकीदार की सरकारी नौकरी दी जाएगी. इसके लिए 10 हजार रुपये जमा करना होगा. पैसे देने के दो दिन बाद ठग राहुल कुमार ने खाकी वर्दी के साथ साथ ग्राम रक्षा दल का फर्जी पहचान पत्र भी उपलब्ध कराया. वहीं फिर 5 हजार रुपए की मांग की गई. वही राहुल कुमार साह के द्वारा ठगे गए युवक युवतियों को दो माह तक खाकी वर्दी पहनाकर कसबा थाना क्षेत्र के अलग अलग जगहों पर फर्जी ग़श्ती दल बनाकर काम भी करवाया गया. जिन्हें कथित रूप से नौकरी दी गई ,उन्हें बताया गया था कि 22 हजार रुपये प्रतिमाह सैलरी दी जाएगी. 

Advertisement

वर्दी पहनाकर कराया जाता था पुलिस की तरह काम

राहुल ने जिन युवक युवतियों को फर्जी बिहार ग्रामीण रक्षा दल व दलपति की नौकरी दी  थी ,उन युवक- युवतियों को वर्दी, पहचान पत्र साथ साथ पुलिसिया लाठी भी दी जाती थी. वही इन युवक युवतियों से ग्रामीण क्षेत्रों में वाहन जांच अभियान चलाया जाता था. वाहन चालकों को फर्जी चालान की रसीद भी दी जाती थी. अगर एक हजार की वसूली होती थी तो तैनात फर्जी रक्षा दल को 2 सौ रुपए देकर शेष बचे 8 सौ रुपए सरकारी चालान के नाम पर राहुल कुमार साह अपने पास रख लेता था. फर्जी ग्राम रक्षा दल शराब भी पकड़ता था. शराब पकड़ कर मोटे रकम की वसूली कर शराब के साथ शराब माफियाओं को छोड़ देता था. 

Advertisement
Featured Video Of The Day
PM Modi at Gangaikonda Cholapuram: चोलों में छिपा 'विकसित भारत' का राज? PM Modi ने बताया पूरा प्लान
Topics mentioned in this article