- बिहार विधानसभा के सत्र में राजद विधायक मुकेश ने नल-जल योजना के विरोध में पाइप की माला पहनकर प्रदर्शन किया
- मुकेश कुमार ने बताया कि उनके क्षेत्र में नल-जल योजना पूरी तरह विफल हो चुकी है और साफ पानी की कमी है
- विधायक ने कहा कि सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर रही है पर योजनाएं केवल कागजों में ही सफल दिखाई देती हैं
बिहार विधानसभा का आज का सत्र उस वक्त चर्चा का विषय बन गया, जब राजद के विधायक मुकेश कुमार एक अनोखे अंदाज़ में सदन में पहुंचे. उन्होंने अपने पूरे शरीर पर "नल-जल" योजना से जुड़ी माला पहन रखी थी. साथ ही उन्होंने सरकार की योजनाओं पर तीखा प्रहार किया.
सरकार पर लगाए आरोप
मुकेश कुमार बादपत विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. उन्होंने विधानसभा परिसर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि, 'उनके क्षेत्र में "नल-जल योजना" पूरी तरह से फेल हो चुकी है. सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन जमीनी हकीकत ये है कि लोगों को पीने का साफ पानी तक नसीब नहीं हो पा रहा है.'
'सिर्फ कागज पर योजनाएं चल रही हैं'
विधायक मुकेश कुमार ने कहा कि, 'हमारे प्रखंड में स्थिति इतनी खराब है कि लोग हमसे पूछते हैं, पानी कब मिलेगा? मैं आज नल-जल का माला पहनकर इसलिए आया हूं कि शायद इससे सरकार की नींद खुले. 'सुशासन बाबू' सोए हुए हैं, सरकार चल नहीं रही है, सिर्फ कागज पर योजनाएं चलाई जा रही हैं.'
विधानसभा में उनका ये अनोखा विरोध प्रदर्शन देखते ही देखते चर्चा का केंद्र बन गया. कई विधायक और मीडियाकर्मी उनके प्रदर्शन को देखने के लिए जुट गए.
क्या है नल-जल योजना?
बिहार सरकार की "नल-जल योजना" ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में हर घर तक पाइपलाइन के माध्यम से पीने का साफ पानी पहुंचाने की एक महत्त्वाकांक्षी योजना है. लेकिन विपक्ष लगातार इस योजना को भ्रष्टाचार और लापरवाही से ग्रस्त बताते आया है.
'सरकार की कार्यशैली कटघरे में'
राजद विधायक के इस प्रतीकात्मक विरोध ने एक बार फिर नल-जल योजना की जमीनी सच्चाई और सरकार की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा कर दिया है. अब देखना होगा कि सरकार इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है और क्या सच में किसी ठोस कार्रवाई की पहल होती है या ये प्रदर्शन भी महज एक राजनीतिक शोर बनकर रह जाएगा.