"अगर दोषी पाया गया तो फांसी दे दी जाए": IAS अफसर के मर्डर के आरोपों पर बोले आनंद मोहन सिंह

बिहार सरकार ने पिछले महीने जेल नियमों में बदलाव किया था, जिसके बाद आनंद मोहन सिंह की रिहाई का रास्‍ता साफ हुआ था. हालांकि नियमों में बदलाव को लेकर काफी विवाद भी हुआ था. 

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जेल नियमों में बदलाव के बाद पूर्व सांसद की जेल से रिहाई हुई है.

नई दिल्‍ली/पटना : :

बिहार के पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह (Annand Mohan Singh) ने आईएएस अधिकारी की हत्‍या के मामले में खुद को निर्दोष बताया है. 1994 में एक आईएएस अधिकारी की हत्या के लिए उकसाने के आरोप में 14 साल से अधिक समय तक जेल में रहने के बाद आनंद मोहन सिंह रिहा हुए हैं. बिहार सरकार (Bihar Government) द्वारा रिहा किए जाने के बाद पहली बार बिहार के अररिया में एक सार्वजनिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "अगर दोषी पाया गया तो फांसी दे दी जाए." 

पूर्व सांसद ने कार्यक्रम में बोलते हुए कहा, "यह देश किसी की संपत्ति नहीं है. मैं कानून और संविधान में विश्‍वास करता हूं और बिना किसी शिकायत के 15 साल से अधिक की जेल की सजा काट चुका हूं. अगर सरकार को लगता है कि मैं दोषी हूं तो मैं फांसी पर चढ़ने के लिए तैयार हूं."

बिहार सरकार ने पिछले महीने जेल नियमों में बदलाव किया था, जिसके बाद आनंद मोहन सिंह की रिहाई का रास्‍ता साफ हुआ था. हालांकि नियमों में बदलाव को लेकर काफी विवाद भी हुआ था. 

नीतीश कुमार सरकार द्वारा जेल नियमों में बदलाव के बाद पूर्व सांसद की जेल से रिहाई हुई है. इससे पहले, ड्यूटी पर लोक सेवक की हत्या के संबंध में दोषी ठहराया गया कोई भी व्यक्ति सजा में छूट का पात्र नहीं था. बिहार सरकार के नियमों में बदलाव के बाद सिंह सहित 27 दोषियों की रिहाई का मार्ग साफ हो गया था. 

भीड़ ने कृष्‍णैया पर हमला किया

आनंद मोहन सिंह पर कई मामले दर्ज हैं. सिंह को 1994 में एक दलित आईएएस अधिकारी और जिला मजिस्ट्रेट जी कृष्णैया को पीट-पीटकर मार डालने वाली भीड़ को उकसाने का दोषी पाया गया था. आनंद मोहन की पार्टी के एक अन्य गैंगस्टर और राजनेता छोटन शुक्ला के शव के साथ विरोध कर रही भीड़ ने कृष्‍णैया पर हमला किया था, जिसे एक दिन पहले मार दिया गया था. 

आजीवन कारावास की सुनाई थी सजा 

सिंह को 2007 में एक निचली अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी, लेकिन पटना हाईकोर्ट ने इस सजा को बाद में आजीवन कारावास में बदल दिया था. 

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SC ने केंद्र और बिहार सरकार से मांगा जवाब 

आनंद मोहन सिंह को समय से पहले रिहा करने के राज्य सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और बिहार सरकार से जवाब मांगा है. 

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