हाजीपुर सांसद और वर्तमान में केंद्र सरकार में मंत्री चिराग पासवान काफी नाराज हैं. उन्होंने नाराजगी की वजह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी बताया है. दरअसल, नाराजगी की वजह उनके पिता के अपमान से जुड़ा हुआ है. जानकारी के मुताबिक, वैशाली जिले में स्थित सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी इंस्टिट्यूट में एक हैरान कर देने वाला एक वीडियो सामने आया है, वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे कॉलेज प्रशासन के द्वारा गर्ल्स हॉस्टल में बने गटर के चेंबर टूट जाने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री सह खाद आपूर्ति मंत्री स्वर्गीय रामविलास पासवान के सिलापट्टिका का इस्तेमाल गटर ढकने के लिए किया गया. इस वीडियो को सोशल मीडिया पर आने के बाद उनके बेटे चिराग पासवान ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.
ट्वीट देखें
स्थानीय लोगों का कहना है कि 1994 में रामविलास पासवान ने हाजीपुर में पेट्रोकेमिकल इंजीनियरीन कॉलेज (CIPET ) का उद्घाटन किया था. लेकिन उस नेमप्लेट वाली शिलापट्ट से गटर ढका हुआ था. किसी ने उसकी तस्वीर खींचकर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी. वह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई. उसे देखते ही चिराह पासवान भड़क गये और उन्होंने जिला प्रशासन के साथ-साथ सिपेट संस्थान के अधिकारियों को फोन कर इस बात की शिकायत की.
चिराग पासवान ने की निंदा
चिराग पासवान ने ट्वीट कर लिखा- मीडिया और पत्रकार साथियों के माध्यम से यह सूचना प्राप्त हुई कि हाजीपुर में मेरे नेता, मेरे पिता के नाम की नेमप्लेट का गलत तरीके से इस्तेमाल किया गया, जो कि अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है. इस विषय के संज्ञान में आने के बाद मैंने तुरंत कार्रवाई के लिए स्थानीय जिला प्रशासन और सिपेट (CIPET) संस्थान के अधिकारियों से बात की. मैंने निर्देश दिया कि नेमप्लेट को पुनः सम्मानजनक स्थान पर लगाया जाए और ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो. मेरे नेता का अपमान किसी भी स्थिति में मुझे कतई बर्दाश्त नहीं है, और इस घटना में जो भी दोषी होगा, उस पर हर हाल में कार्रवाई की जाएगी.
वहीं इस मामले पर केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यह अत्यंत दूर्भाग्यपूर्ण है. रामविलास जी के कारण हाजीपुर की पहचान हुई है. उन्होंने इस धरा को अपनी मां के समान माना है. उनका अपमान करना ठीक नहीं है. ये अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है.