माया मिली ना राम...रजौली विधायक प्रकाशवीर के साथ हुआ खेला, लालू का साथ छूटा, नीतीश पकड़ा हाथ लेकिन नहीं मिला टिकट

प्रकाशवीर 2015 और 2020 में आरजेडी उम्मीदवार के तौर पर निर्वाचित हुए. इसके पहले 2010 में प्रकाशवीर दूसरे स्थान पर रहे थे.

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  • नवादा जिले के रजौली सुरक्षित से 2 बार MLA रह चुके प्रकाशवीर ने RJD छोड़कर JDU से टिकट जॉइन किया था
  • विभा देवी, जो राजबल्लभ प्रसाद की पत्नी हैं, जेडीयू से नवादा सीट पर टिकट पाने में सफल रही हैं
  • प्रकाशवीर 2015 और 2020 में आरजेडी के टिकट पर विधायक बने थे
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नवादा:

एक प्रचलित कहावत है माया मिली ना राम. कहने का मतलब है कि दुविधा में कहीं का नहीं रहना. बिहार के नवादा जिले के रजौली सुरक्षित के निवर्तमान विधायक प्रकाशवीर के साथ कुछ ऐसा ही खेल हो गया है. दस दिनों के अंतराल में प्रकाशवीर का सियासत में कई रूप देखने को मिला है.

दरअसल, 2020 में प्रकाशवीर आरजेडी से निर्वाचित हुए थे. दस दिन पहले प्रकाशवीर नवादा की आरजेडी विधायक विभा देवी के साथ पार्टी विधायक से त्याग दे दिया था. उन्हें उम्मीद थी कि विभा देवी के साथ उन्हें भी जेडीयू से टिकट मिल जाएगा. लिहाजा, विभा देवी के साथ प्रकाशवीर भी पटना जेडीयू कार्यालय पहुंचे थे,जहां दोनों नेता बिहार के मंत्री श्रवण कुमार और विधान पार्षद संजय गांधी के समक्ष शामिल हुए थे.

विभा को टिकट और प्रकाशवीर बेटिकट

दरअसल, एनडीए गठबंधन के शीट शेयरिंग में नवादा जेडीयू और रजौली सुरक्षित क्षेत्र एलजेपी आर के खाते में चली गई. लिहाजा, नवादा की विधायक विभा देवी को तो टिकट मिल गया. लेकिन प्रकाशवीर वंचित रह गए. देखें तो, प्रकाशवीर का आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद का भी साथ छूट गया. जदयू प्रमुख नीतीश कुमार के दल में गए, लेकिन वहां बेटिकट रह गए. ऐसे में उनके पास तेजप्रताप विकल्प के तौर पर दिखा. अब वे उन्होंने तेजप्रताप के नव गठित जनशक्ति जनता दल से उम्मीदवार बनकर चुनाव मैदान में उतरे हैं.

रजौली से दो दफा विधायक हुए प्रकाशवीर

प्रकाशवीर 2015 और 2020 में आरजेडी उम्मीदवार के तौर पर निर्वाचित हुए. इसके पहले 2010 में प्रकाशवीर दूसरे स्थान पर रहे थे. लेकिन 2025 के चुनाव के पहले आरजेडी का साथ छूट गया. दरअसल, प्रकाशवीर बिहार के पूर्व श्रम राज्यमंत्री राजबल्लभ प्रसाद के प्रमुख सहयोगी रहे हैं. राजबल्लभ यादव के साथ प्रकाशवीर राजनीति करते रहे हैं. लेकिन लालू परिवार से राजबल्लभ परिवार की सियासी दूरी हो गई. इसका असर प्रकाशवीर की सियासत पर पड़ी. हालांकि राजबल्लभ प्रसाद की पत्नी विभा देवी तो जदयू से टिकट पाने में कामयाब रही, लेकिन प्रकाशवीर बेटिकट हो गए.

प्रकाशवीर ने कहा-जेडीयू नही किया था ज्वाइन

रजौली सुरक्षित से जनशक्ति जनता दल से नामांकन दाखिल करने के बाद प्रकाशवीर ने कहा कि उन्होंने जेडीयू ज्चाइन नही किया था. आरजेडी से त्यागपत्र दिया था. प्रकाशवीर ने कहा है कि उन्हें जनता का आशीर्वाद मिलता रहा है. इसबार भी उन्हें जनता आशीर्वाद जरूर देगी. मैं जनता का शुक्रगुजार हूं. गौरतलब है कि आरेजडी ने रजौली में जिला परिषद की पूर्व जिलाध्यक्ष पिंकी भारती को उम्मीदवार बनाया है. जबकि एलजेपी आर से विमल राजवंशी को उम्मीदवार बनाया गया है.
 

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