बिहार विधानसभा चुनावों के लिए मतगणना में बड़ा उलटफेर होते दिख रहा है. लालू यादव की पार्टी आरजेडी उम्मीदों के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाई. महागठबंधन भी रूझानों में बहुत खराब प्रदर्शन कर रहा है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)- जनता दल यूनाइटेड (जदयू) गठजोड़ राज्य की 243 सीटों में कई स्थानों पर आगे चल रहा है. राघोपुर विधानसभा से राजद के अब सर्वेसर्वा और महागठबंधन से डिप्टी सीएम पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव खुद अपनी ही सीट पर बीजेपी के सतीश यादव से फिलहाल पीछे चल रहे हैं.
| पार्टी | उम्मीदवार | नतीजे |
| RJD | तेजस्वी यादव | पीछे |
| BJP | सतीश यादव | आगे |
| राउंड | प्रत्याशी | वोट | प्रत्याशी 2 | वोट |
| राउंड 1 | तेजस्वी यादव | 4463 | सतीश यादव | 3570 |
| राउंड 2 | तेजस्वी यादव | 8387 | सतीश यादव | 7471 |
| राउंड 3 | तेजस्वी यादव | 10957 | सतीश यादव | 12230 |
तीसरा चरण: चुनाव आयोग के आंकड़े
दूसरा चरण: चुनाव आयोग के आंकड़े
दो सीएम देने वाला सीट
राघोपुर विधानसभा क्षेत्र लंबे समय से लालू परिवार की राजनीतिक विरासत से जुड़ा रहा है. यही वह सीट है, जिसने बिहार की राजनीति को दो मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव औऱ राबड़ी देवी दिए हैं. तेजस्वी भी यहीं से जीतकर उपमुख्यमंत्री बने. राघोपुर, यादव बहुल इलाका रहा है और आज भी इस समुदाय का वोट यहां निर्णायक भूमिका निभाता है.
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यह क्षेत्र वैशाली जिले में आता है और हाजीपुर (लोकसभा) सीट का हिस्सा है, जबकि लालू परिवार का मूल निवास सारण जिले में है. 1951 से अस्तित्व में रही राघोपुर विधानसभा सीट शुरू में अपेक्षाकृत गुमनाम रही, लेकिन 1995 में लालू प्रसाद यादव के इस क्षेत्र से चुनाव लड़ने के फैसले ने इसे राजनीतिक सुर्खियों में ला दिया. इससे पहले लालू यादव दो बार सोनपुर से विधायक रहे थे.
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राघोपुर पर राजद का दबदबा
1998 के बाद से राघोपुर सीट पर लगभग राजद का एकछत्र दबदबा रहा है, सिवाय 2010 के विधानसभा चुनाव के, जब पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था. 1995 और 2000 में लालू प्रसाद यादव ने यहां से जीत हासिल की. 2000 के उपचुनाव और 2005 में राबड़ी देवी ने यहां से दो बार चुनाव जीता. इसके बाद 2015 और 2020 में तेजस्वी यादव ने लगातार दो बार जीत दर्ज की. राघोपुर विधानसभा क्षेत्र को तीन केंद्रीय मंत्री देने का भी गौरव हासिल है, जिनमें रामविलास पासवान, चिराग पासवान और पशुपति कुमार पारस शामिल हैं, जो हाजीपुर लोकसभा सीट से चुनकर संसद तक पहुंचे.














