राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और ‘इंडिया' गठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने विधानसभा चुनाव जीतकर राघोपुर विधानसभा सीट अपने पास बनाये रखी. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उम्मीदवार सतीश कुमार को 14,532 मतों से पराजित किया. निर्वाचन आयोग के मुताबिक, तेजस्वी को कुल 1,18,597 वोट मिले, जबकि सतीश कुमार को 1,04,065 मत प्राप्त हुए.
तेजस्वी यादव पिछले 10 वर्षों से राघोपुर सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. इससे पहले भी उन्होंने 2015 और 2020 दोनों विधानसभा चुनावों में सतीश कुमार को हराया था.
दो सीएम देने वाला सीट
राघोपुर विधानसभा क्षेत्र लंबे समय से लालू परिवार की राजनीतिक विरासत से जुड़ा रहा है. यही वह सीट है, जिसने बिहार की राजनीति को दो मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव औऱ राबड़ी देवी दिए हैं. तेजस्वी भी यहीं से जीतकर उपमुख्यमंत्री बने. राघोपुर, यादव बहुल इलाका रहा है और आज भी इस समुदाय का वोट यहां निर्णायक भूमिका निभाता है.
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यह क्षेत्र वैशाली जिले में आता है और हाजीपुर (लोकसभा) सीट का हिस्सा है, जबकि लालू परिवार का मूल निवास सारण जिले में है. 1951 से अस्तित्व में रही राघोपुर विधानसभा सीट शुरू में अपेक्षाकृत गुमनाम रही, लेकिन 1995 में लालू प्रसाद यादव के इस क्षेत्र से चुनाव लड़ने के फैसले ने इसे राजनीतिक सुर्खियों में ला दिया. इससे पहले लालू यादव दो बार सोनपुर से विधायक रहे थे.
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राघोपुर पर राजद का दबदबा
1998 के बाद से राघोपुर सीट पर लगभग राजद का एकछत्र दबदबा रहा है, सिवाय 2010 के विधानसभा चुनाव के, जब पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था. 1995 और 2000 में लालू प्रसाद यादव ने यहां से जीत हासिल की. 2000 के उपचुनाव और 2005 में राबड़ी देवी ने यहां से दो बार चुनाव जीता. इसके बाद 2015 और 2020 में तेजस्वी यादव ने लगातार दो बार जीत दर्ज की. राघोपुर विधानसभा क्षेत्र को तीन केंद्रीय मंत्री देने का भी गौरव हासिल है, जिनमें रामविलास पासवान, चिराग पासवान और पशुपति कुमार पारस शामिल हैं, जो हाजीपुर लोकसभा सीट से चुनकर संसद तक पहुंचे.














