शहर जल रहा था... मुजफ्फपुर का गोलू हत्याकांड क्या था, भरी रैली में पीएम मोदी ने क्यों दिलाई इसकी याद?

पीएम मोदी ने अपने मंच से संबोधन में मुजफ्फरपुर में हुए गोलू हत्याकांड का विशेष रूप से ज़िक्र किया. उन्होंने कहा कि पैसों के लिए कैसे एक बैंक कर्मी के 5 वर्षीय मासूम पुत्र गोलू का अपहरण कर निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई थी.

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  • पीएम मोदी ने बरूराज विधानसभा क्षेत्र में जनसभा को संबोधित करते हुए राजद और कांग्रेस पर तीखा हमला किया
  • पीएम ने 2001 में मुजफ्फरपुर में हुए गोलू हत्याकांड काे याद करते हुए बिहार में कानून व्यवस्था की याद दिलाई
  • गोलू हत्याकांड में पांच वर्षीय मासूम का अपहरण कर निर्मम हत्या की गई थी, जिसने पूरे शहर में आक्रोश भड़काया था
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पीएम मोदी आज मुजफ्फरपुर के बरूराज विधानसभा क्षेत्र के मोतीपुर पहुंचे थे. यहां उन्होंने एक विशाल जनसभा को संबोधित किया. संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) पर तीखा हमला बोला. उन्होंने बिहारवासियों को "जंगल राज" की याद दिलाई और कहा कि 2005 से पहले राजद की सरकार के दौरान कैसे अपहरण, लूट और हत्याएं होती थीं, और राजद समर्थक कैसे शोरूम को लूट लिया करते थे.

2001 का 'गोलू हत्याकांड': एक जघन्य अपराध जिसे बिहार नहीं भूल सकता

पीएम मोदी ने अपने मंच से संबोधन में मुजफ्फरपुर में हुए गोलू हत्याकांड का विशेष रूप से ज़िक्र किया. उन्होंने कहा कि पैसों के लिए कैसे एक बैंक कर्मी के 5 वर्षीय मासूम पुत्र गोलू का अपहरण कर निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई थी. 

क्या था पूरा मामला

20 सितंबर 2001. मुजफ्फरपुर, जेल रोड इलाका. गोलू अपनी दो बहनों के साथ स्कूल जा रहा था, तभी दिनदहाड़े अपराधियों ने उसे रिक्शा से उतारकर अपहरण कर लिया. अपहरण के चार दिन बाद, 25 सितंबर 2001 को गोलू का शव बरामद हुआ. पीएम मोदी ने कहा कि यह जघन्य हत्याकांड बिहार कभी भूल नहीं सकता. इस घटना के बाद पूरा मुजफ्फरपुर आक्रोश में था.

जब मुजफ्फरपुर में लगी थी आग

मासूम गोलू का शव बरामद होने के बाद मुजफ्फरपुर के लोग आक्रोशित हो गए। प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि इसके बाद पूरे शहर में पुलिस और पब्लिक के बीच हिंसक झड़पें हुईं. आक्रोशित भीड़ ने कई गाड़ियों को फूंक दिया था. पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा और कई जगह गोलियां चलीं. गोलियां चलने से कई लोगों की मौत भी हुई थी.

पीएम मोदी ने इस घटना का ज़िक्र कर बिहारवासियों को यह याद दिलाने की कोशिश की कि 2005 से पहले बिहार में कानून व्यवस्था की क्या स्थिति थी. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि आज बिहार विकास के रास्ते पर है, जबकि राजद के शासनकाल में "जंगल राज" था. उन्होंने बिहारवासियों को एक बार फिर से जंगल राज का आईना दिखाने का काम किया, ताकि लोग अतीत और वर्तमान के फर्क को समझ सकें और सोच-समझकर अपना मत दें. 

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