'चुनाव लड़ने का सवाल ही नहीं उठता, देश के लिए क्रिकेट खेलेगा मेरा बेटा', NDTV से बोले पप्‍पू यादव 

पप्पू यादव ने आगे बताया, 'मुझे लगता है इस बार विधानसभा चुनाव में बेटे ने चुनाव लड़ने का मन नहीं बनाया. उसका कहना है कि जब तक मैं बिहार को समझेगा नहीं, तब तक चुनाव नहीं लडूंगा.'

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  • पप्पू यादव ने स्पष्ट किया है कि उनके बेटे सार्थक रंजन का अभी पूरा ध्यान क्रिकेट पर है, न कि राजनीति पर.
  • उन्‍होंने कहा- सार्थक वर्तमान में डीएलएफ टीम के लिए खेल रहे हैं और भारतीय टीम में शामिल होने की उम्मीद है.
  • बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सार्थक के चुनाव लड़ने की अटकलों को पप्पू यादव ने पूरी तरह से खारिज किया.
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बिहार की राजनीति में हमेशा से चर्चा में रहने वाले बाहुबली और निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने अपने बेटे सार्थक रंजन के राजनीतिक भविष्य को लेकर NDTV से खास बातचीत की है. बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सार्थक के चुनाव लड़ने की अटकलों पर विराम लगाते हुए पप्पू यादव ने साफ किया कि उनके बेटे का पूरा ध्यान क्रिकेट पर है और वह देश के लिए खेलना चाहते हैं.

पप्पू यादव ने NDTV से कहा, 'सवाल ही नहीं उठता कि मेरा बेटा अभी चुनाव लड़े. वह अभी डीएलएफ (DLF) के लिए खेल रहा है, वह सेंचुरी मार रहा है. मैं तो देश से प्रार्थना करता हूं कि वह इंडिया के लिए खेले.' उन्होंने गर्व के साथ बताया कि सार्थक ने अपनी मेहनत और भरोसे से ख़ुद को साबित किया है. पप्पू यादव को पूरी उम्मीद है कि उनका बेटा जल्द ही भारतीय टीम का हिस्सा बनेगा.

बिहार में चुनाव लड़ने की थी चर्चा 

पिछले कुछ समय से ऐसी चर्चाएं थीं कि सार्थक रंजन बिहार विधानसभा चुनाव में उतर सकते हैं, ख़ासकर पूर्णिया या आस-पास की किसी सीट से. इन अटकलों को लेकर राजनीतिक गलियारों में कानाफूसी चल रही थी कि पप्पू यादव अपने बेटे को राजनीति में लॉन्च करने की तैयारी कर रहे हैं. हालाँकि, पप्पू यादव ने इन सभी ख़बरों को ख़ारिज कर दिया है.

'मेरा बेटा मेरी ताकत'

उन्होंने जोर देकर कहा, 'मेरा बेटा मेरी ताकत है. मुझे लगता है, आगे भी जो राजनीति करेगा, अपने प्रतिभा और संघर्ष के दम पर करेगा.' पप्पू यादव का मानना है कि सार्थक ही 'सच्चाई के रास्ते में बिहार की सेवा करेगा', लेकिन अभी उनका रास्ता राजनीति नहीं, बल्कि खेल का मैदान है.

पप्पू यादव ने आगे बताया, 'मुझे लगता है इस बार विधानसभा चुनाव में बेटे ने चुनाव लड़ने का मन नहीं बनाया. उसका कहना है कि जब तक मैं बिहार को समझेगा नहीं, तब तक चुनाव नहीं लडूंगा.' यह बयान दर्शाता है कि सार्थक राजनीति को जल्दबाजी में नहीं अपनाना चाहते, बल्कि पहले बिहार को समझना चाहते हैं.

अपनी इच्छा ज़ाहिर करते हुए पप्पू यादव ने कहा, 'मेरी इच्छा है कि वह इस बार चुनाव नहीं लड़े, बल्कि इंडिया खेले.' उन्होंने स्पष्ट किया कि जब सार्थक चुनाव लड़ने का फैसला करेंगे, तब वह उनके साथ खड़े रहेंगे. पप्पू यादव ने यह भी संकेत दिया कि पूर्णिया की सेवा करने के लिए कोई और कार्यकर्ता चुनाव लड़ेगा. उन्होंने कहा, 'इंडिया की संभावना ज्‍यादा है और यह सब लोग चाहते हैं.'  

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