लगता है डेस्टिनी कुछ और चाहती है... पप्पू यादव का क्या कांग्रेस से हो गया मोहभंग?

अपने भविष्य को लेकर पप्पू यादव ने कहा कि देखिए, मेरी किस्मत और वक्त मुझे कहां ले जाता है, यह भगवान जाने. 

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नई दिल्ली:

बिहार को लेकर दिल्ली में कांग्रेस नेताओं की एक अहम बैठक हुई, लेकिन इसमें पूर्णिया से निर्दलीय सांसद और कांग्रेस के एसोसिएट मेंबर पप्पू यादव को आमंत्रित नहीं किया गया. बैठक में नहीं बुलाए जाने से पप्पू यादव दुखी हैं. एनडीटीवी से बात करते हुए उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए कांग्रेस पर कई सवाल उठाए हैं.

पप्पू यादव ने कहा कि मुझे इस मीटिंग के बारे में जानकारी भी नहीं थी और बुलाया भी नहीं गया. मैं कांग्रेस के संसदीय दल की बैठक में शामिल होता हूं, जहां कहीं भी चुनाव होता है, वहां कांग्रेस के पक्ष में प्रचार करता हूं. जो भी जिम्मेदारी नेतृत्व की ओर से दी जाती है, उसे पूरा करता हूं. फिर भी बिहार को लेकर हुई इस बैठक में मुझे क्यों नहीं बुलाया गया, यह समझ से परे है.

पप्पू यादव ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि मैं लगातार कांग्रेस के विचारों के साथ हूं. चुनाव जीतने के बाद भी उनकी क्या मजबूरी है, मुझे नहीं पता. 9 महीने से अगर कोई पार्टी के नेता से नहीं मिल पाए, तो यह मेरे लिए समझना मुश्किल है. बिहार के 13 करोड़ लोगों से मेरा पारिवारिक लगाव है, उनकी सेवा और मदद का रिश्ता है. अगर कोई दूसरा प्रदेश होता तो शायद मुझे इतनी तकलीफ नहीं होती, लेकिन यह बिहार की बात है.

कांग्रेस पर सवाल, राहुल-प्रियंका के लिए सम्मान
पप्पू यादव ने कांग्रेस के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह मुझे समझ नहीं आता कि जब बिहार की बात हो और मुझे न बुलाया जाए. मैं एसोसिएट मेंबर हूं, संसदीय दल की बैठक में बुलाया जाता हूं, फिर बिहार को लेकर बैठक में क्यों नहीं? यह मेरा दुर्भाग्य है. दुख की बात छोड़िए, लगता है डेस्टिनी कुछ और करना चाहती है. बिहार का चुनाव हो और पप्पू यादव, जो संघर्ष का चेहरा है, उसे न बुलाया जाए, इससे बड़ा दुख क्या होगा? हालांकि, उन्होंने कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के प्रति सम्मान जताते हुए कहा कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के मन में मेरे लिए आदर है.

क्या होगा पप्पू यादव का अगला कदम
अपने भविष्य को लेकर पप्पू यादव ने कहा कि देखिए, मेरी किस्मत और वक्त मुझे कहां ले जाता है, यह भगवान जाने. 
बिहार के सामाजिक और राजनीतिक समीकरण पर अपनी राय रखते हुए पप्पू यादव ने कहा कि अगर नीतीश कुमार अकेले चुनाव लड़ेंगे तो शून्य पर आ जाएंगे, लेकिन गठबंधन के साथ 100 सीटें पार कर सकते हैं. अगर तेजस्वी को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाकर चुनाव लड़ा गया, तो एनडीए के खिलाफ लोगों का गुस्सा भुनाया नहीं जा सकेगा. चुनाव के बाद उन्हें मुख्यमंत्री बनाइए, इसमें कोई दिक्कत नहीं है.

उन्होंने अत्यंत पिछड़ी जातियों (ईबीसी) के वोटों पर भी जोर दिया. पप्पू यादव के मुताबिक ईबीसी समुदाय बीजेपी के साथ है, लेकिन कांग्रेस उनके लिए विकल्प बन सकती है. ये लोग तेजस्वी की टीम से डरे हुए हैं. अगर कांग्रेस को इनका वोट चाहिए, तो उसे अपना नेतृत्व आगे लाना होगा.

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तेजस्वी और राजद पर पप्पू यादव ने कसा तंज 
पप्पू यादव ने बिहार की सियासत पर भी खुलकर बात की. उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि लालू यादव की राजनीति बिल्कुल अलग थी. अब न तो लालू जी का राजद है, अब तेजस्वी यादव का राजद है. जिन्हें बिहार का राजनीतिक भूगोल और इतिहास नहीं पता, वे राजद चला रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि तेजस्वी मुख्यमंत्री बनेंगे या नहीं, यह वक्त और भाग्य तय करेगा. कांग्रेस गठबंधन के साथ चुनाव लड़ रही है, वह गठबंधन तोड़ने वाली पार्टी नहीं है. पप्पू यादव ने लालू यादव के उस बयान का भी जिक्र किया जिसमें उन्होंने कहा था कि उनका बेटा ही मुख्यमंत्री बनेगा. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि लालू जी की एक भी बात तेजस्वी नहीं मानते.

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