- बिहार में एक पंचायत सचिव ने मनेर से आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र के खिलाफ एससी-एसटी थाने में FIR दर्ज कराई है.
- आरजेडी विधायक और पंचायत सचिव के बीच मोबाइल पर हुई गरमा-गरम बहस का ऑडियो वायरल हो गया है.
- आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र ने अपने क्षेत्र की एक महिला के पोते मृत्यु प्रमाण के लिए सचिव को कॉल किया था.
Panchayat Season 5: पंचायत के सचिव जी ने फोन पर विधायक जी का परिचय क्या पूछ लिया, विधायक जी तो भड़क गए. सचिव जी को जूते से मारने की धमकी दे डाली. सचिव जी भी पूरे टशन वाले निकले. कहा- 'तमीज से बात करेंगे तो हम भी तमीज से बात करेंगे. का करेंगे, ट्रांसफर करा देंगे?' विधायक बोले- 'ट्रांसफर नहीं, अब तो दूसरा उपाय करना होगा.' इस बातचीत का ऑडियो वायरल हुआ, सचिव जी पहुंच गए थाने और करा दी एफआईआर.
आप सोच रहे होंगे कि फेमस वेब सीरीज पंचायत (Panchayat Web Series) के चारों सीजन तो देख लिए, उसमें तो ऐसा कोई सीन नहीं हुआ! तो हम आपको बता दें कि ये पंचायत का कोई एपिसोड रील नहीं, बल्कि बिहार में मनेर के एक पंचायत की रियल घटना है.
विधायक हैं- मनेर से आरजेडी नेता भाई वीरेंद्र और पंचायत सचिव का नाम है- संदीप कुमार. मिली जानकारी के अनुसार, पंचायत सचिव संदीप ने पटना के एससी-एसटी थाने में भाई वीरेंद्र के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. अपनी शिकायत में उन्होंने भाई वीरेंद्र के खिलाफ दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है. कहा है कि विधायक ने ने जूते से मारने की बात कही है, जिसके बाद से वो डरे हुए हैं और मानसिक उत्पीड़न भी झेल रहे हैं.
क्या है पूरा मामला, जान लीजिए
दरअसल, मनेर से आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र ने अपने क्षेत्र की रहने वाली रिंकी देवी के पोते के मृत्यु प्रमाण पत्र के बारे में जानकारी लेने के लिए कॉल किया था. पंचायत सचिव ने भाई वीरेंद्र से उनका परिचय पूछ लिया, जिसके बाद वो भड़क गए थे. विधायक और पंचायत सचिव के बीच फोन पर बातचीत के दौरान हुई बहस इतनी बढ़ गई कि राजद के मनेर से विधायक भाई वीरेंद्र ने पंचायत सचिव को जूता से मरने तक की धमकी दे दी. पंचायत सचिव संदीप कुमार दलित हैं, जिसके चलते उन्होने SC-ST एक्ट में शिकायत दर्ज की गई है.
पूरी बातचीत का ऑडियो वायरल
- जब भाई वीरेंद्र ने सचिव को फोन किया, तो सचिव ने कहा बोलिए.
- विधायक ने दोहराया कि बोलिए और कहा कि कौन बोल रहा है रे.
- जब सचिव ने पूछा कि किन से बात करना है आपको तब उन्होंने कहा कि तुम भाई वीरेंद्र को नहीं पहचानता है और तुम बोलेगा कि बोलिए.
- सचिव ने कहा आप अपना परिचय दीजिएगा तब तो पहचानेंगे.
- विधायक ने कहा कि भाई वीरेंद्र का भी परिचय देना पड़ता है? भाई वीरेंद्र मेरा नाम है.
- तुम नहीं जानता है कि भाई वीरेंद्र तुम्हारा कौन है? भाई वीरेंद्र मनेर का कौन है तुम नहीं जानता है?
- जब सचिव ने कहा कि जानकारी रहता तो ऐसे थोड़े ना बात करते.
- भाई वीरेंद्र ने कहा- पूरा हिंदुस्तान जानता है हमको और तुम नहीं जानता. इंग्लैंड से हो का तुम, टेढ़िया है तू, मनेर का विधायक को नहीं जानता है तुम.
- जब सचिव ने कहा कि जी विधायक जी बोलिए.
- फिर भाई वीरेंद्र ने कहा कि विधायक जी बोलिए? जूता से मारेंगे तुमको खींच कर तुम रिकॉर्ड करो चाहे कुछ करो. तुम प्रोटोकॉल का ख्याल नहीं रखेगा रे.
- सचिव ने कहा कि बोलिए क्या बात है, हां, हमको प्रणाम करना चाहिए था, प्रणाम विधायक जी! बोलिए.
- तब जाकर विधायक ने काम की बात की और कहा कि यह रिंकी देवी का पति अविनाश कुमार का मृत्यु प्रमाण पत्र बनाना है उसको बनवाए. आपको कब का आवेदन गया है. टेढ़ई से काम मत कीजिए. कर्मचारी हो कर्मचारी की तरह कम करो.
- सचिव ने विधायक से कहा कि अभी प्रेम से बात कीजिएगा तो हम प्रेम से बात करेंगे. आपको जो करना है करिए आपसे डर नहीं है हमको. सीधा बात कीजिएगा सीधा बात करेंगे टेढ़ा बात कीजिएगा तो टेढ़ा बात करेंगे. आपसे डरने वाले नहीं है यहां कोई.
- फिर विधायक ने नाराज होकर कहा कि तुम इस तरह का भाषा बोलेगा हमको.
- सचिव ने कहा कि आपको भी तो प्रेम से बात करना चाहिए आप जनप्रतिनिधि है तो प्रेम से अपना काम का बात करेंगे ना.
- विधायक ने कहा कि तुम हमको पहचान कैसे नहीं तुम ऐसा कैसे बोल सकता है कि कौन भाई वीरेंद्र? तू नहीं जानता है विधायक जी का नाम?
- जब सचिव ने कहा कि हम नहीं जानते थे कि यहां का विधायक कौन है? तो भाई वीरेंद्र ने कहा कि तुमको नौकरी करने का भी अधिकार नहीं है जब तुम अपने क्षेत्र के विधायक को नहीं जानते हो.
- फिर सचिव ने कहा कि जाकर लिखित दे दीजिए और ट्रांसफर करवा दीजिए मेरा.
- भाई वीरेंद्र ने जवाब में कहा कि ट्रांसफर ही नहीं अब दूसरा बात हो जाएगा. ट्रांसफर तो बहुत छोटी चीज है. कहां का है तू?
- सचिव ने कहा कि इस तरह का धमकी मत दीजिए आप काम का बात कीजिए हमसे. आपका काम प्रोसेस में गया हुआ है. जब काम होगा तब पता चल जाएगा.
विधायक भाई वीरेंद्र ने दी सफाई
इस मामले पर भाई वीरेंद्र की सफाई सामने आई है. उनका कहना है कि उनके विधानसभा क्षेत्र के एक पंचायत सचिव की ओर से मेरी एक रिकॉर्डेड कॉल को जानबूझकर सोशल मीडिया और वॉट्सऐप किया जा रहा है. उस कॉल में मैंने कुछ कड़े शब्द जरूर कहे, जिसका उन्हें खेद है. लेकिन जब उन्होंने सचिव को फोन किया, वह न तो शिष्टाचार से पेश आया, न अभिवादन किया और न ही जनता के कार्य को गंभीरता से लिया.
इनपुट: रमन राय